शेयर बाजार में गिरावट, इस सप्ताह निवेशकों के डूबे 8.7 लाख करोड़

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jan, 2022 05:28 PM

8 7 lakh crore investors drowned in the stock market this week

इस सप्ताह लगातार चौथे दिन बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी दिन सेंसेक्स 427 अंकों की गिरावट के साथ 59037 के स्तर पर और निफ्टी 139 अंकों की गिरावट के साथ 17617 के स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 59 हजार के नीचे और निफ्टी 17500...

बिजनेस डेस्कः इस सप्ताह लगातार चौथे दिन बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी दिन सेंसेक्स 427 अंकों की गिरावट के साथ 59037 के स्तर पर और निफ्टी 139 अंकों की गिरावट के साथ 17617 के स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 59 हजार के नीचे और निफ्टी 17500 के नीचे तक पहुंच गया था। इस सप्ताह सेंसेक्स में करीब 2200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। इस सप्ताह बाजार 1.18 फीसदी फिसला है। 

आज की गिरावट के बाद BSE लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 269.85 लाख करोड़ रुपए रह गया। पिछले सप्ताह BSE का मार्केट कैप 278.54 लाख करोड़ रुपए था। इस तरह साप्ताहिक आधार पर निवेशकों के 8.70 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। वैसे इस सप्ताह के पहले दिन BSE लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 280 लाख करोड़ के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया था। उस स्तर से निवेशकों की संपत्ति में 10 लाख करोड़ से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

आज सेंसेक्स के टॉप-30 में 8 शेयर तेजी के साथ और 22 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी, HDFC और नेस्ले इंडिया के शेयर ऑज के टॉप गेनर हैं, जबकि बजाज फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील और भारती एयरटेल के शेयर टॉप लूजर्स हैं।

बाजार में गिरावट की वजह

ग्लोबल मार्केट
अमेरिकी बाजारों में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर दिख रहा है, जहां लगातार पांचवें दिन गुरुवार को कमजोरी रही। यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद में ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में उछाल के चलते इनवेस्टर जोखिम लेने से बच रहे हैं और इसलिए अपने पोर्टफोलियो में कम रिस्की असेट्स शामिल कर रहे हैं। गोल्ड और स्विस फ्रैंक जैसी करेंसीज में मजबूती से रिस्क से बचने का पता चलता है।

आर्थिक तंगी
न सिर्फ अमेरिका, बल्कि भारत में वित्तीय स्थिति खराब हो रही है। इसके चलते रिजर्व बैंक (आरबीआई) धीरे-धीरे लिक्विडिटी के नॉर्मलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। कॉल मनी रेट 4.55 फीसदी की ऊंचाई पर पहुंच गया, जो पिछले महीने 3.25-3.50 फीसदी के स्तर पर था। कॉल मनी रेट, वह रेट है जिस पर बैंक ओवरनाइट कर्ज लेते हैं। कॉल रेट में उछाल के साथ ही ट्राई पार्टी रेपो डीलिंग और सेटलमेंट भी 4.24 के स्तर पर पहुंच गया, जो दिसंबर के अंत तक लगभग 3.5 फीसदी था।

FPI की बिकवाली
फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स की बिकवाली जारी है, क्योंकि वे ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बीच महंगे बाजारों से निकल रहे हैं और जापान और यूरोप जैसे आकर्षक वैल्यू वाले बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। कुल मिलाकर फॉरेन इनवेस्टर्स अक्टूबर से अभी तक 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली कर चुके हैं।

मार्जिन और डिमांड की चिंताएं
दिसंबर में समाप्त तिमाही में भारतीय कंपनियों की अर्निंग से अभी तक उनके ऑपरेटिंग मार्जिन पर भारी दबाव के संकेत मिले हैं और इसका असर उनकी प्रॉफिटेबिलिटी पर पड़ रहा है। हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों की इनीशियल कमेंट्री से रूरल इकोनॉमी पर दबाव के संकेत मिले हैं, वहीं बजाज फाइनेंस ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि शहरी क्षेत्रों के लो इनकम वाले कंज्यूमर भी महामारी से प्रभावित हुए हैं।
 

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