Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 Aug, 2018 11:29 AM
80:20 गोल्ड इंपोर्ट स्कीम में जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ नया सुराग लगा है। खबरों के मुताबिक तमिलनाडु के छह ज्वैलर्स ने इस स्कीम की शर्तों में ढील देने की मांग करते हुए एक जैसे आवेदन दिए थे और यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के...
बिजनेस डेस्कः 80:20 गोल्ड इंपोर्ट स्कीम में जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हाथ नया सुराग लगा है। खबरों के मुताबिक तमिलनाडु के छह ज्वैलर्स ने इस स्कीम की शर्तों में ढील देने की मांग करते हुए एक जैसे आवेदन दिए थे और यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते में उनकी मांग मान ली थी। यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने भी रखा गया है।
नई जांच में अधिकारियों की नजर इस बात पर गई कि सभी छह आवेदन तमिलनाडु से थे और भाषा, फॉर्मैट से लेकर की गई मांग सहित हर पहलू में वे एक जैसे थे। हालांकि उन आवेदनों को फरवरी 2014 में अलग-अलग तारीखों पर दिया गया था। आरबीआई ने आम चुनाव का नतीजा आने के बाद इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था।
सूत्रों ने बताया कि जांच में उस घटनाक्रम की 'कड़ियां और पैटर्न' पर नजर है, जो मई 2014 में लिए गए निर्णय से पहले हुआ। इस जांच के दायरे में वे सभी लोग लिए जा सकते हैं, जो यूपीए 2 के आखिरी कुछ महीनों में निर्णय करने की प्रक्रिया से जुड़े थे। जांच अधिकारियों को शक है कि उन आवेदनों का इस्तेमाल गोल्ड इंपोर्ट स्कीम में बदलाव करने की 'जमीन बनाने के बहाने' के तौर पर किया गया था। 2016 में कैग रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस स्कीम से सरकारी खजाने को एक लाख करोड़ रुपए की चपत लगी। एनडीए सरकार ने नवंबर 2014 में यह स्कीम रद्द कर दी थी।