बैंकों में हड़ताल के कारण 800 करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित, जनता भी हुई परेशान

Edited By Isha,Updated: 27 Dec, 2018 04:30 PM

800 crore turnover affected due to strike in banks

तीन सरकारी बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के सरकार की मंजूरी के विरोध में नौ प्रमुख बैंक संघों के यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर कल सभी बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर रहे थे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स

बिजनेस डेस्कः तीन सरकारी बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के सरकार की मंजूरी के विरोध में नौ प्रमुख बैंक संघों के यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर कल सभी बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर रहे थे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के जालंधर संयोजक अमृत लाल ने आज बताया कि आज बैंक कर्मचारी और अधिकारी अपनी शाखाओं के सामने एकत्र हुए और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए बाद में, कर्मचारियों ने भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के सामने एक विशाल रैली की और शहर में एक जुलूस निकाला।
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उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण जालंधर शहर में 380 शाखाएं और जालंधर जिले में 720 शाखाओं के अधिकारी और शाखा प्रबंधक भी हड़ताल पर थे। उन्होंने बताया कि हड़ताल से लगभग आठ सौ करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है वहीं 230 करोड़ रुपये के चेक क्लियर नहीं हुए और लगभग 220 करोड़ रुपए का नगद लेन-देन नहीं हो सका जिससे शहर में 450 और पूरे जिले में 800 करोड़ का कारोबार नहीं हो सका। इन सबके बीच आम जनता को भी परेशानियों को सामना करना पड़ा।
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मांगे नहीं मानी तो तेज होगा अंदोलन
अमृत लाल ने कहा कि बैंकों का विलय राष्ट्र, आम जनता और कर्मचारियों के हित में नहीं है। शाखाओं को बंद कर दिया गया है और दूरदराज के क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं पर अंकुश लगाया गया है। कर्मचारियों को दूर स्थानों पर तबादला कर कठिनाइयों में डाल दिया जाता है। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के चरणजीत सिंह ने कहा कि अगर सरकार ने बैंकों के विलय की मौजूदा नीति में बदलाव नहीं किया तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने कहा कि बैंक के विलय के बजाय, डूब रहे कर्ज की वसूली पर जोर दिया जाना चाहिए।
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