861 करोड़ रुपए में बनने वाले नए संसद भवन का ठेका देने में नहीं हुई गड़बड़ी, SP ग्रुप ने वापस ली शिका

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Oct, 2020 02:44 PM

861 crore rupees did not go wrong in awarding contract for

सायरस मिस्त्री की कंपनी शपूरजी पलोनजी ग्रुप (SP Group) समूह ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा बोली जीतने में अनियमितता और हितों के टकराव का आरोप लगाने वाले पत्र को वापस ले लिया है। टाटा प्रोजेक्‍ट्स ने 861.5 करोड़ रुपए की बोली...

बिजनेस डेस्कः सायरस मिस्त्री की कंपनी शपूरजी पलोनजी ग्रुप (SP Group) समूह ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा बोली जीतने में अनियमितता और हितों के टकराव का आरोप लगाने वाले पत्र को वापस ले लिया है। टाटा प्रोजेक्‍ट्स ने 861.5 करोड़ रुपए की बोली लगाकर नए संसद भवन के निर्माण का ठेका हासिल किया था। सितंबर में SP Group ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को दो पत्र भेजे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नया संसद भवन बनाने के लिए जारी टेंडर की बोली प्रक्रिया में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (TPL) और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (TCE) की भागीदारी केंद्रीय सतर्कता आयोग के नियमों का उल्लंघन है। यह आरोप भी लगाया गया कि बिडिंग से पहले योग्यता के मानदंडों को बदला गया, ताकि TPL बोली प्रक्रिया में भाग ले सके।

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सूत्रों ने बताया कि शपूरजी पलोनजी ग्रुप के इस आरोप पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने जोर देकर कहा कि पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है। इसके बाद SP Group ने CPWD को लिखे पत्र में कहा कि अब वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएगा। सूत्रों ने बताया कि CPWD  के सेंट्रल विस्टा परियोजना डिविजन-1 (Central Vista Project Division-1) के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को भेजे गए पत्र में लिखा, हम इस बात की सराहना करते हैं कि आपके कार्यालय ने विस्तृत इंटरनल ऑडिट और सभी मुद्दों तथा चिंताओं पर गहन चर्चा की और मूल्यांकन किया। एसपी समूह ने पत्र में आगे कहा, हम आपके द्वारा यह पुष्टि करने की सराहना करते हैं कि बोली प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया और इसमें TCE और TPL के बीच कोई हितों का टकराव नहीं है।

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861.90 करोड़ रुपए में बोली हासिल की
इस साल सितंबर में टीपीएल ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए एलएंडटी लिमिटेड को पीछे छोड़कर 861.90 करोड़ रुपए में बोली हासिल की थी। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन के निर्माण के लिए कुल 7 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिनमें से तीन कंपनियां बिडिंग के फाइनल राउंड के लिए सिलेक्ट किया गया था, इनमें टाटा ग्रुप के साथ एलएंडटी लिमिटेड भी शामिल थी, लेकिन SP ग्रुप फाइनल राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट नहीं हुई थी। आपको बता दें कि नया पार्लियामेंट बिल्डिंग अभी के संसद भवन के बगल में ही बनाया जाएगा। इसे 21 महीने में बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आपको बता दें कि टाटा संस में SP ग्रुप की हिस्सेदारी 18.37% है, लेकिन दोनों बिजनेस घरानों के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं।  

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