88 साल पहले टाटा ने शुरू की थी यह Air india, जानिए 'महाराजा' के कंगाल होने की पूरी कहानी

Edited By vasudha,Updated: 28 Jan, 2020 10:41 AM

88 years ago tata started air india

कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया (महाराजा) बिकने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसकी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने 17 मार्च तक बोलियां मांगी हैं। योग्य बोलीदाताओं को जानकारी 31 मार्च को दी जाएगी। सरकार ने सोमवार को बिडिंग के दस्तावेज जारी...

बिजनेस डेस्क: कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया (महाराजा) बिकने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसकी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने 17 मार्च तक बोलियां मांगी हैं। योग्य बोलीदाताओं को जानकारी 31 मार्च को दी जाएगी। सरकार ने सोमवार को बिडिंग के दस्तावेज जारी किए। इसके मुताबिक सफल खरीदार को एयर इंडिया का मैनेजमैंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा। नीलामी प्रक्रिया के दस्तावेजों के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रैस के भी 100 प्रतिशत शेयर बेचे जाएंगे। 

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88 साल पहले टाटा ने शुरू की थी यह एयरलाइन
टाटा एयरलाइन्स ने 1932 में यह एयरलाइन शुरू की थी। 15 अक्तूबर 1932 को जे.आर.डी. टाटा ने कराची से मुम्बई की फ्लाइट खुद उड़ाई थी। वह देश के पहले लाइसैंसी पायलट थे। 1946 में इसका नाम बदलकर एयर इंडिया हुआ था। आजादी के बाद 1953 में इसका नैशनेलाइजेशन हुआ। डोमैस्टिक मूवमैंट के लिए इंडियन एयरलाइन्स और इंटरनैशनल फ्लाइट्स के लिए एयर इंडिया बनाई गई। दोनों कम्पनियों के ज्वाइंट एंटरप्राइज के तौर पर वायुदूत कम्पनी शुरू हुई जो रिजनल फीडर कनैक्टिविटी देती थी। कई सालों बाद 1993 में वायुदूत का इंडियन एयरलाइन्स में मर्जर हो गया जिससे पूरे ग्रुप पर कर्ज बढ़ गया। 

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2018-19 में एयर इंडिया को बड़ा घाटा 
2001 में कंपनी को 57 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। 2007 में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया में इंडियन एयरलाइंस का विलय किया। दोनों कंपनियों का विलय के वक्त संयुक्त घाटा 770 करोड़ रुपये था, जो विलय के बाद बढ़कर के 7200 करोड़ रुपये हो गया। एयर इंडिया ने घाटे की भरपाई के लिए अपने तीन एयरबस 300 और एक बोइंग 747-300 को 2009 में बेच दिया था। मार्च 2011 में कंपनी का कर्ज बढ़कर 42600 करोड़ रुपये और परिचालन घाटा 22000 करोड़ रुपये का हुआ था। वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था। अभी कम्पनी पर 80,000 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा उसका घाटा भी हजारों करोड़ रुपए का है। बता दें कि सरकार ने विदेशी निवेश को आकॢषत करने के लिए हाल ही के दिनों में कई फैसले लिए हैं। घरेलू बाजार में एयर इंडिया का 12.7 प्रतिशत हिस्सा है। 2019 में 18.36 मिलियन पैसेंजर्स ने एयर इंडिया से उड़ान भरी थी। 

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कम्पनी के कुल 16,077 कर्मचारी, स्थायी कर्मचारियों के लिए 3 प्रतिशत शेयर रिजर्व 
सूत्रों के मुताबिक 1 नवम्बर 2019 तक एयर इंडिया और सबसिड्री एयर इंडिया एक्सप्रैस के कुल 16,077 कर्मचारी थे। विनिवेश के तहत एयर इंडिया के स्थायी कर्मचारियों को 3 प्रतिशत शेयर रियायती कीमतों पर दिए जाएंगे। इम्प्लॉय स्टॉक ऑप्शन प्रोग्राम के तहत 98 करोड़ शेयर रिजर्व रखे जाएंगे। एयर इंडिया को बेचने की सरकार की योजना पर चर्चा के लिए कर्मचारी संगठन बैठक करेंगे। एयर इंडिया के कर्मचारियों के करीब 12 संगठन हैं।
 

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