94 साल पुराने बैंक को मिला विलय का प्रस्ताव, RBI से मिलेगी हरी झंडी?

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jun, 2020 05:16 PM

94 year old bank got proposal for merger rbi will get green signal

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्राइवेट सेक्‍टर के एक और बैंक की विलय को मंजूरी दे दी है। लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) विलय मंजूरी से पहले आर्थिक कार्यप्रणाली और नियमों में

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्राइवेट सेक्‍टर के एक और बैंक की विलय को मंजूरी दे दी है। लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) विलय मंजूरी से पहले आर्थिक कार्यप्रणाली और नियमों में अनियमितता की वजह से आरबीआई द्वारा तमाम तरह की पाबंदियों का सामना कर चुका है। 

बैंक काफी समय से विलय की कोशिश में था लेकिन पहले इंडियाबुल्स हाउसिंग के साथ विलय के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया था। लक्ष्मी विलास बैंक की कुल 569 शाखाएं हैं। बैंक 1046 एटीएम संचालित करता है। बैंक के शेयर भाव 16 रुपए के करीब है।  बैंक काफी पुराना है। 

1926 में हुई थी स्थापना 
लक्ष्मी विलास बैंक की स्थापना 1926 में हुई थी लेकिन आरबीआई ने 1958 में बैंक को लाइसेंस दिया। बैंक के ज़्यादातर ब्रांच और फाइनेंशियल सेंटर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में हैं। इसके अलावा अलावा दिल्‍ली, मुंबई और कोलकाता में भी बैंक की शाखाएं हैं। 

किसके साथ विलय 
अब लक्ष्मी विलास बैंक को एयॉन कैपिटल द्वारा समर्थित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्लिक्स कैपिटल की ओर से विलय का प्रस्ताव मिला है। विलय से एलवीबी के पूंजी आधार में 1,900 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होगी। बैंक ने शेयर बाजार को भी इस बारे में जानकारी दे दी है। एयॉन कैपिटल, अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट और आईसीआईसीआई वेंचर्स की ओर से प्रवर्तित है। मार्केट में एयॉन कैपिटल की साख अच्छी है। 
 

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