देश में उद्यमिता का 95% प्रयास विफल हो जाता है: देबरॉय

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 May, 2018 04:37 PM

95 of entrepreneurship fails in the country

नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने उद्यमिता को सुगम बनाने में देश की शिक्षा प्रणाली पर संदेह जताते हुए आज कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में 95 प्रतिशत प्रयास विफल होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (आईएमआई) के दीक्षांत समारोह में

कोलकाताः नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने उद्यमिता को सुगम बनाने में देश की शिक्षा प्रणाली पर संदेह जताते हुए आज कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में 95 प्रतिशत प्रयास विफल होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (आईएमआई) के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘स्टैंड-अप इंडिया’ पहल कंपनियों के लिए नहीं है बल्कि हर भारतीय के फलने और फूलने के लिए है।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन पद की भी जिम्मेदारी संभाल रहे देबरॉय ने कहा, ‘‘एक बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतीय शिक्षा प्रणाली उद्यमिता को सुगम बनाती है। उद्यमिता के क्षेत्र में करीब 95 प्रतिशत प्रयास विफल होते हैं और शिक्षा प्रणाली छात्रों को प्रश्नों के लिए कभी शिक्षा नहीं देती।’’ उन्होंने कहा कि छोटे किसान या खोमचे वाले कंपनियों के मुकाबले अधिक उद्यमिता कौशल दिखाते हैं।

देबरॉय ने कहा कि देश की प्रति व्यक्ति आय फिलहाल 1,800 डालर है जो विकसित देशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा कि भारत में सुधार 1991 में शुरू हुआ। 'आई.एम.एफ. की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को विकसित देशों की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति आय के अंतर के आधे हिस्से को पूरा करने में 153 साल का समय लगेगा लेकिन भारत का अतीत शानदार रहा है, भविष्य शानदार है लेकिन वर्तमान के बारे में कुछ नहीं कही सकता।'

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