Edited By Supreet Kaur,Updated: 20 Sep, 2019 12:17 PM
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 950 किलोमीटर की ऐसी राजमार्ग परियोजनाओं की पहचान की है जिनका निर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर किया जाना है। इन परियोजना पर 30,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 950 किलोमीटर की ऐसी राजमार्ग परियोजनाओं की पहचान की है जिनका निर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर किया जाना है। इन परियोजना पर 30,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि इन राजमार्गों का निर्माण बनाओ, चलाओ और हस्तांतरण तरीके से किया जाएगा। इन खंडों का चयन संभावित बोलीकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद किया गया है। ये परियोजनाएं आठ राज्यों आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की हैं।
एनएचएआई ने इन खंडों 4/6 लेन के राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए वार्षिक पूर्व अहर्ता के आधार पर प्रस्ताव मांगे हैं। वार्षिक पूर्व अहर्ता की प्रक्रिया से न केवल बोली की प्रक्रिया सुगम होगी बल्कि इससे बाजार की प्रतिक्रिया के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। मौजूदा आरएफएक्यू में इसे उद्योगों के अनुकूल बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं।