एक नजर Flipkart के सफर पर, बेडरूम के अपार्टमेंट से शुरू हुई थी कंपनी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2018 07:26 PM

a look at the journey of flipkart

अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकॉर्ट में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली है। वॉलमार्ट ने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 16 अरब डॉलर (एक लाख 5 हजार 360 करोड़ रुपए) में खरीदी है। फ्लिपकॉर्ट में

नई दिल्लीः अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकॉर्ट में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली है। वॉलमार्ट ने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 16 अरब डॉलर (एक लाख 5 हजार 360 करोड़ रुपए) में खरीदी है। फ्लिपकॉर्ट में हिस्‍सेदारी रखने वाले जापानी ग्रुप सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन ने भी इसकी पुष्टी की। फ्लिपकॉर्ट का सफर बेहद दिलचस्प और प्रेरक है। पढ़िए फ्लिपकॉर्ट की स्थापना से लेकर अब तक का सफर....

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  • 11 साल पहले 2007 में फ्लिपकॉर्ट की स्थापना सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी। दोनों के नाम के आगे बंसल जरूर लगा है लेकिन ये दोनों रिश्तेदार नहीं हैं, अमेजॉन में जॉब के दौरान उन दोनों की दोस्ती हुई थी।

 

  • दिलचस्प बात यह है कि दोनों ने अपनी स्कूलिंग हिसार के ओपी जिंदल मॉडर्न स्कूल से की। फिर साथ में ही आई.आई.टी. दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन कंप्लीट किया। उसके बाद सचिन बंसल ने ‘टेकस्पैन’ में और बिन्नी बंसल ने ‘सैर्नऑफ कॉर्पोरेशन’ के साथ काम करना शुरू कर दिया। फिर दोनों अमेजॉन में भी साथ रहे।

 

  • 2 बेडरूम के अपार्टमेंट से फ्लिपकॉर्ट की शुरूआत एक ऑनलाइन बुक स्टोर के रूप में बेंगलुरु से हुई थी। इसके बाद यह देश का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेयर बन गया।


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  • 2008 में इसका पहला ऑफिस बेंगलुरु में खुला, इसके बाद 2009 में दिल्ली और मुंबई में ऑफिस खुला। अब फ्लिपकार्ट का ऑफिस 8.3 लाख स्वायर फीट में फैला हुआ है।

 

  • 2010 में फ्लिपकॉर्ट ने लोगों को सामान हाथ में आने के बाद भुगतान (सीओडी) का विकल्प दिया। जब फ्लिपकॉर्ट ने कैश ऑन डिलिवरी (CoD) की शुरूआत की तब केवल 0.5 प्रतिशत लोग ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते थे। फ्लिपकॉर्ट के इस प्रयोग ने इंडस्ट्री की तस्वीर ही बदल दी। 

 

  • विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए फ्लिपकॉर्ट ने 2011 में सिंगापुर का भी रुख किया।

 

  • 2014 में फ्लिपकॉर्ट ने 300 मिलियन डॉलर में मिंत्रा को खरीदा। वहीं 2016 में 70 मिलियन डॉलर में जबॉंग को खरीद लिया। 2016 में ही फ्लिपकॉर्ट ने फोन-पे स्टार्टअप को खरीदा।


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  • 2014 से पहले परंपरा यह थी कि पहले प्रॉडक्ट ऑफलाइन लॉन्च होता था और फिर ऑनलाइन सेल के लिए आता था लेकिन फ्लिपकॉर्ट ने गेम बदल दिया। इंडिया में मोटोरोला ने फ्लिपकॉर्ट पर एक्सक्लूसिव सेल के जरिए वापसी की थी। 5 महीनों में ही मोटो ने 10 लाख स्मार्टफोन्स बेच दिए थे और अब यह ट्रेंड बन चुका है। 

 

  • सचिन बंसल 9 साल तक कंपनी के सीईओ रहे। 2016 में सचिन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन बने वहीं बिन्नी बंसल ने सीईओ का पदभार संभाला।

 

  • फ्लिपकॉर्ट की नो कॉस्ट EMI का लोगों को महंगे प्रॉडक्ट्स खरीदने में काफी फायदा हुआ। फ्लिपकॉर्ट की यह स्कीम भी काफी लोकप्रिय हुई है। 

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