इस चश्मा बेचने वाले एक शख्स ने 16 करोड़ लोगों को कराया 6500 करोड़ रुपये का फायदा

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Oct, 2020 06:38 PM

a man selling spectacle profit of 6500 crores to 16 crore people

महामारी के इस दौर में लोन चुकाने वाला हर शख्स लोन मोरेटोरियम शब्द से अच्छी तरह से वाकिफ है। लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बड़े फैसलों में शुमार हो चुका है। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस बड़े फैसले के पीछे चश्मा बेचने वाला शख्स है।

नई दिल्ली: महामारी के इस दौर में लोन चुकाने वाला हर शख्स लोन मोरेटोरियम शब्द से अच्छी तरह से वाकिफ है। लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बड़े फैसलों में शुमार हो चुका है। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस बड़े फैसले के पीछे चश्मा बेचने वाला शख्स है। यूपी के आगरा में चश्मे की दुकान चलाने वाले गजेंद्र शर्मा की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम पर यह फैसला दिया है। देश के करीब 16 करोड़ लोग हैं जिन्होंने 2 करोड़ से कम का लोन लिया है। केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों को राहत देने के लिए 6500 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया है।

जानें गजेंद्र शर्मा के बारे में
बता दें कि गजेंद्र शर्मा आगरी की संजय प्लेस मार्किट में चश्मे की दुकान करते हैं। वह नजर के और सन ग्लास बेचने के साथ-साथ समाजसेवी के रुप में काम करते हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे खबरें पढ़ने और सुनने की आदत है। लॉकडाउन के दौरान इसी पढ़ने वाली आदत से उन्हें पता चला कि जो लोन की किश्त नहीं भरेगा तो उसे बाद में ब्याज के साथ जमा करनी होगी। अगर इसमें भी लेट हुए तो ब्याज पर ब्याज भी लगेगा। जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वह इस मामले में खुद भी राहत लेंगे और दूसरों को भी राहत दिलाएंगे।

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जब हमारी नाकामी नहीं हो तो खामियाजा क्यों भुगते
गजेन्द्र शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान हम अपने लोन की किश्त नहीं दे पा रहे थे। लेकिन यह हमारी नकामी नहीं थी बल्कि लॉकडाउन के दौरान कारोबार बंद रहना सबसे बड़ी मजबूरी थी। जब उधोग धंधें ही बंद थे तो कहां से किश्त देंगे। अब जब यह हमारी नाकामी नहीं हो तो खामियाजा क्यों भुगते। इन्हीं सब सवालों के जवाब के चलते मैंने अपने एडवोकेट बेटे से सलाह करने और वकीलों से मिलकर सुप्रीम कोर्ट में योचिका दायर कर दी। असल में यह मामला था राइट टू लिव का। इसी को आधार बनाकर हमने याचिका दाखिल की। हम नेक काम करने जा रहे थे और करोड़ों लोगों की दुआएं साथ थीं तो फैसला हमारे हक में आया।

ब्याज को केंद्र सरकार चुकाएगी
वित्त मामलों के जानकारों के अनुसार लॉकडाउन के 6 महीनों के दौरान ऐसे मामले जहां ब्याज पर ब्याज लगेगी तो ऐसे ब्याज को केंद्र सरकार चुकाएगी और इससे केंद्र सरकार पर करीब 6500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। इसके साथ 2 करोड़ से नीचे के करीब 16 करोड़ लोन धारकों को इसका फायदा मिलेगा लाने की कोशिश करूंगा। 

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