गौतम अडानी को लगा 43,500 करोड़ रुपए का झटका, विदेशी फंड के अकाउंट फ्रीज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jun, 2021 04:37 PM

accounts of 3 fpis owning adani group shares frozen

भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अडानी को 43,500 करोड़ रुपए का झटका लगा है। दरअसल, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने तीन विदेशी फंड्स Albula Investment Fund, Cresta Fund और APMS Investment Fund के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं।

बिजनेस डेस्कः भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अडानी को 43,500 करोड़ रुपए का झटका लगा है। दरअसल, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने तीन विदेशी फंड्स Albula Investment Fund, Cresta Fund और APMS Investment Fund के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं। इनके पास अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर हैं। NSDL की वेबसाइट के मुताबिक इन अकाउंट्स को 31 मई को या उससे पहले फ्रीज किया गया था।

इस खबर के बाद भारतीय शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कपंनियों में भारी गिरावट देखी जा रही है। अडानी की 6 में से 5 कंपनियों को इस खबर के बाद लोअर सर्किट लग गया। इन तीनों की अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन (Adani Green) में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है। मीडिया में आ रही ऐसी खबरों को अडानी समूह ने गलत बताया है।

कस्टोडियन बैंकों और विदेशी निवेशकों को हैंडल कर रही लॉ फर्म्स के मुताबिक इन विदेशी फंड्स ने बेनिफिशियल ऑनरशिप (beneficial ownership) के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी। इस वजह से उनके अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया है। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है।

अकाउंट फ्रीज होने का मतलब
एक अधिकारी ने बताया कि अमूमन कस्टोडियन अपने क्लाइंट्स को इस तरह की कार्रवाई के बारे में आगाह कर देते हैं लेकिन अगर फंड इस बारे में जवाब नहीं देता है या इसका पालन नहीं करता है तो अकाउंट्स को फ्रीज किया जा सकता है। अकाउंट फ्रीज करने का मतलब है कि फंड न तो कोई मौजूदा सिक्योरिटीज बेच सकता है और न ही नई खरीद सकता है।

इस बारे में एनएसडीएल, सेबी और अडानी ग्रुप को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। Albula Investment Fund, Cresta Fund और APMS Investment Fund से संपर्क नहीं हो पाया। ये तीन फंड सेबी में विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं और मॉरीशस से अपना कामकाज चलाते हैं। ये तीनों का पोर्ट लुई में एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और इनकी कोई वेबसाइट नहीं है।

शेयरों की कीमतों में छेड़छाड़ की जांच
कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने 2019 में एफपीआई के लिए केवाईसी (KYC) डॉक्युमेंटेशन को पीएमएलए के मुताबिक कर दिया था। फंड्स को 2020 तक नए नियमों का पालन करने का समय दिया गया था। सेबी का कहना था कि नए नियमों का पालन नहीं करने वाले फंड्स का अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा। नए नियमों के मुताबिक एफपीआई को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी थी। इनमें कॉमन ऑनरशिप का खुलासा और फंड मैनेजर्स जैसे अहम कर्मचारियों की पर्सनल डिटेल शामिल थी।

अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी
पिछले एक साल में अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में 669 फीसदी, अडानी टोटल गैस के शेयरों में 349 फीसदी, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 972 फीसदी और अडानी ग्रीन के शेयरों में 254 फीसदी तेजी आई है। इसी तरह अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर के शेयरों में क्रमशः 147 फीसदी और 295 फीसदी उछाल आई है। शुक्रवार को अडानी ग्रुप का कुल मार्केट कैप 9.5 लाख करोड़ रुपये था जिसकी बदौलत ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस बन गए हैं। अडानी ट्रांसमिशन में प्रमोटर ग्रुप की 74.92 फीसदी, अडानी एंटरप्राइजेज में 74.92 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 74.80 फीसदी और अडानी ग्रीन में 56.29 फीसदी हिस्सेदारी है।
 

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