अडाणी ग्रुप, सुरक्षा, सनटेक रीयल्टी ने एचडीआईएल के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र जमा कराया

Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Aug, 2020 01:52 PM

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अडाणी प्रॉपर्टीज, सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन और सनटेक रीयल्टी सहित छह कंपनियों ने दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत कर्ज के बोझ से दबी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (एचडीआईएल) के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है।

नई दिल्ली: अडाणी प्रॉपर्टीज, सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन और सनटेक रीयल्टी सहित छह कंपनियों ने दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत कर्ज के बोझ से दबी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (एचडीआईएल) के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। शेयर बाजारों को यह जानकारी दी गई है।

अडाणी प्रॉपर्टीज और सुरक्षा ग्रुप ने जेपी इंन्फ्राटेक की दिवाला समाधान प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया था। हालांकि, बाद में जेपी का अधिग्रहण सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी ने किया था। एचडीआईएल दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), 2016 के प्रावधानों के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में है। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में एचडीआईएल ने समाधान प्रक्रिया में भाग लेने वाली संभावित कंपनियों की शुरुआती सूची साझा की है। एचडीआईएल के अधिग्रहण के लिए सबसे पहले रुचि पत्र (ईओआई) फरवरी में प्रकाशित किया गया था। उसके बाद से इसमें कई बार संशोधन किया गया है।

सूचना में कहा गया है कि ईओआई जमा कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2020 थी। समाधान पेशेवर को इच्छुक पक्षों से छह ईओआई मिले हैं।इससे पहले इंटरनेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, एन एस सॉफ्टवेयर तथा हर्ष वर्धन रेड्डी ने भी ईओआई जमा कराया था, लेकिन उन्हें पात्र नहीं पाया गया। इंटरनेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने आईबीसी की धारा 29 ए के तहत आवश्यक फॉर्मेट में शपथपत्र नहीं दिया था। यदि कंपनी इसे आठ अगस्त तक जमा करा देती है तो वह फिर पात्र हो जाएगी। वहीं एन एस सॉफ्टवेयर और हर्ष वर्धन रेड्डी न्यूनतम 500 करोड़ रुपये के नेटवर्थ या प्रबंधन के तहत 2,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां या 250 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध कोष के मानदंड को पूरा नहीं कर पाईं।

सूचना में कहा गया है कि शुरुआती सूची जारी करने की तारीख आठ अगस्त के बाद पांच दिन तक किसी संभावित समाधान आवेदक को शामिल करने या बाहर करने के लिए दस्तावेजों के साथ दावा किया जा सकता। इसमें कहा गया है कि समाधान पेशेवर को प्राप्त आपत्तियों पर गौर करने के बाद संभावित समाधान आवेदकों (पीआरए) की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। फिलहाल एचडीआईएल के प्रवर्तक राकेश और सारंग वाधवन पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में जेल में हैं।


 

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