Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Apr, 2022 01:20 PM
देश के सबसे बड़े एकीकृत बंदरगाह एवं लॉजिस्टिक कंपनी अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (एपीएसईजेड) के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (जीपीएल) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा करने की उम्मीद है।
नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े एकीकृत बंदरगाह एवं लॉजिस्टिक कंपनी अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (एपीएसईजेड) के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (जीपीएल) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा करने की उम्मीद है। एपीएसईजेड ने शुक्रवार को जारी बयान में बताया कि वर्तमान में एपीएसईजेड की जीपीएल में 41.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पोर्ट से वित्त वर्ष 2022 में 30 एमएमटी कार्गो का परिचालन हुआ है। वित्त वर्ष 23 का लक्ष्य 40 एमएमटी से अधिक कार्गो का प्रबंधन करना है।
वर्तमान में 0.8 एमटीईयू की एक नई कंटेनर सुविधा शुरू हो रही है और जुलाई 2022 तक इसके पूरी होने की उम्मीद है। उसने बताया कि पहले से ही दो एमएमटी कंटेनर कार्गो प्रबंधन के लिए करार हो चुका है, जिसके वित्त वर्ष 2025 तक बढ़कर छह एमएमटी कंटेनर तक पहुंचने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 23 में नगरनार में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) संयंत्र की शुरुआत, सेल, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल), जेएसडब्ल्यू स्टील और जेएसपीएल से इस्पात के आयात-निर्यात में वृद्धि से पोटर् के परिचाल को गति मिलेगी। साथ ही उत्तर भारत से गेहूं और आंध्र प्रदेश के गुंटूर इलाके से चावल, तंबाकू और मिर्च जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात के से भी समर्थन मिलेगा।
कंपनी के मध्यम अवधि के द्दष्टिकोण से आरआईएनएल का निजीकरण उसके लिए एक प्रमुख विकास उत्प्रेरक है। आरआईएनएल जीपीएल का एक प्रमुख ग्राहक है और बंदरगाह को इस्पात संयंत्र से सात एमएमटी कार्गो मिलता है, जो इसके कारोबार में 20 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।