Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Sep, 2020 04:46 PM
अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए 900 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने शेयर बाजारों को अपनी फाइलिंग में बताया कि ये पैसे प्राइवेट प्लेसमेंट बेसिस पर NCDs जारी कर जुटाए गए हैं।
नई दिल्लीः अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए 900 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने शेयर बाजारों को अपनी फाइलिंग में बताया कि ये पैसे प्राइवेट प्लेसमेंट बेसिस पर NCDs जारी कर जुटाए गए हैं। कंपनी ने कहा कि उसने 10 लाख रुपए मूल्य के 9,000 लिस्टेड और भुनाने योग्य NCDs जारी कर शुक्रवार को 900 करोड़ रुपए जुटाए। कंपनी ने कहा कि इन NCDs को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर होलसेल डेब्ट मार्केट सेगमेंट (wholesale debt market segment) में लिस्टेड करवाया जाएगा।
देश की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनी APSEZ के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगहों पर स्थित 11 बंदरगाह (Ports) और टर्मिनल हैं। ये गुजरात के मुंद्रा, दहेज, कांडला और हजीरा से साथ ओडिशा के धामरा, गोवा के मोरमुगाओ, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और चेन्नई के कट्टुपल्ली और एन्नोर में स्थित हैं। कंपनी के पास देश के कुल पोर्ट्स की 24% हिस्सेदारी है। कंपनी केरल के विझिनजाम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल विकसित कर रही है।
हाल ही में अडाणी समूह ने घोषणा की थी कि वह मुंबई एयरपोर्ट में 74% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। मुंबई एयरपोर्ट में इतनी बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने पर उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से विश्वस्तरीय है और मैं इस तरह के उत्कृष्ट हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स (GVK Airport developers) की सराहना करता हूं। यह सौदा पूरा होने के बाद GVK की 50.50% हिस्सेदारी के साथ मुंबई एयकपोर्ट में अडाणी समूह की हिस्सेदारी 74% हो जाएगी। गौतम अडाणी समूह का लक्ष्य देश की सबसे बड़ी हवाईअड्डा परिचालक कंपनी बनना है। मुंबई हवाईअड्डा देश के दूसरा सबसे व्यस्त हवाईअड्डा है।