14 साल बाद बढ़ने जा रहे हैं माचिस के दाम, दिसंबर से इतने में मिलेगी 1 रुपए वाली डिब्बी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Oct, 2021 01:33 PM

after 14 years matchbox price revised to cost rs 2 from december 1

पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस, खाद्य तेल और टमाटर-प्याज की बढ़ती कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं अब आपके दैनिक उपयोग में काम आने वाली एक वस्तु ऐसी भी है जिसकी कीमत 14 साल तक नहीं बढ़ी लेकिन अब बढ़ने जा रही है। यह है एक रुपए में मिलने वाली माचिस की...

बिजनेस डेस्कः पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस, खाद्य तेल और टमाटर-प्याज की बढ़ती कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं अब आपके दैनिक उपयोग में काम आने वाली एक वस्तु ऐसी भी है जिसकी कीमत 14 साल तक नहीं बढ़ी लेकिन अब बढ़ने जा रही है। यह है एक रुपए में मिलने वाली माचिस की डिब्बी, जो अब 2 रुपए में मिलेगी और नई कीमतें एक दिसंबर से लागू होंगी। 

2007 में बढ़ी थी कीमतें
पांच प्रमुख माचिस उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से 1 दिसंबर से माचिस की एमआरपी 1 रुपए से बढ़ाकर 2 रुपए करने का निर्णय लिया है। पिछली बार कीमत में 2007 में संशोधन किया गया था तब 50 पैसे से बढ़ाकर माचिस की डिब्बी की कीमत 1 रुपए कर दी गई थी। गुरुवार को शिवकाशी में ऑल इंडिया चैंबर ऑफ माचिस की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उद्योग के प्रतिनिधियों ने कच्चे माल की कीमतों में हालिया वृद्धि को कीमत बढ़ाने की मुख्य वजह बताई।

कीमतों में बढ़ोत्तरी की वजह
निर्माताओं ने कहा कि माचिस बनाने के लिए 14 प्रकार के कच्चे माल की जरूरत होती है। एक किलोग्राम लाल फास्फोरस 425 रुपए से बढ़कर 810 रुपए, मोम 58 रुपए से 80 रुपए, बाहरी बॉक्स बोर्ड 36 रुपए से 55 रुपए और भीतरी बॉक्स बोर्ड 32 रुपए से 58 रुपए तक पहुंच गया है। कागज, स्प्लिंट्स की कीमत, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर में भी 10 अक्टूबर से वृद्धि हो गई है। डीजल की बढ़ती कीमत ने भी उन इस उद्योग पर अतिरिक्त बोझ डाला है।

नेशनल स्मॉल मैचबॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव वीएस सेथुरथिनम ने बताया कि निर्माता 600 माचिस (प्रत्येक बॉक्स में 50 माचिस की तीलियों के साथ) का एक बंडल 270 रुपए से 300 रुपए में बेच रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमने अपनी इकाइयों से बिक्री मूल्य 60% बढ़ाकर 430-480 रुपए प्रति बंडल बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें 12% जीएसटी और परिवहन की लागत शामिल नहीं है।'

उद्योग को मिल सकता है बल
पूरे तमिलनाडु में माचिस उद्योग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग चार लाख लोग कार्यरत हैं और प्रत्यक्ष कर्मचारियों में 90% से अधिक महिलाएं शामिल हैं। उद्योग उन्हें बेहतर भुगतान करके एक अधिक स्थिर कार्यबल को आकर्षित करने की उम्मीद है क्योंकि कई लोग मनरेगा के तहत काम करने में रुचि दिखा रहे हैं क्योंकि वहां बेहतर भुगतान मिलता है।

तमिलनाडु में माचिस उद्योग से 4 लाख लोगों को रोजगार 
तमिलनाडु में इस उद्योग में लगभग चार लाख लोग काम करते हैं और इन कर्मचारियों में 90 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं। माचिस की कीमत बढ़ने के बाद कर्मचारियों को बेहतर भुगतान भुगतान मिलने की उम्मीद है। 
 

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