Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 03:39 PM
देश का कृषि निर्यात इस साल की अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में 13 फीसदी बढ़ा है, जिसमें चावल का अहम योगदान रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत का कृषि निर्यात घटा था। दरअसल यूरोपीय संघ के भारत से आयात पर प्रतिबंध लगाने के डर के कारण विदेशी डीलर...
नई दिल्लीः देश का कृषि निर्यात इस साल की अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में 13 फीसदी बढ़ा है, जिसमें चावल का अहम योगदान रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत का कृषि निर्यात घटा था। दरअसल यूरोपीय संघ के भारत से आयात पर प्रतिबंध लगाने के डर के कारण विदेशी डीलर भंडारण कर रहे हैं, जिससे भारत से कृषि जिंसों का निर्यात बढ़ा है। यूरोपीय संघ ने 1 नवंबर से गुणवत्ता नियम कड़े कर दिए हैं।
सरकार के स्वामित्व वाले कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के अनुसार भारत से कृषि उत्पादों का निर्यात अप्रैल से सितंबर 2017 के बीच बढ़कर 8.73 अरब डॉलर रहा है। पिछले साल की इसी अवधि में भारत से 7.69 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ था। हालांकि रुपए के लिहाज से चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में कृषि निर्यात 8.64 फीसदी बढ़कर 56,183 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 51,499 करोड़ रुपये था।
देश से कृषि निर्यात बढऩे में चावल (बासमती और गैर-बासमती) का अहम योगदान रहा। देश के कुल सालाना कृषि निर्यात में चावल का करीब 44 फीसदी हिस्सा होता है। आलोच्य अवधि में बासमती एवं गैर-बासमती चावल का निर्यात डॉलर के लिहाज से 30 फीसदी और रुपए की दृष्टि से 25 फीसदी बढ़ा है। इसकी वजह यह है कि 1 नवम्बर से कड़े गुणवत्ता जांच नियम लागू होने से पहले यूरोपीय खरीदार भंडार कर रहे हैं।