कृषि निर्यात 2021-22 में 50 अरब डॉलर से ऊपर: वाणिज्य विभाग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Apr, 2022 04:37 PM

agriculture exports to exceed usd 50 billion in 2021 22

समुद्री और बागवानी उत्पादों सहित देश से कृषि उत्पादों का निर्यात वर्ष 2021-22 में 50 अरब डॉलर को पार कर गया है जो एक नया कीर्तिमान है। वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, कृषि निर्यात...

नई दिल्लीः समुद्री और बागवानी उत्पादों सहित देश से कृषि उत्पादों का निर्यात वर्ष 2021-22 में 50 अरब डॉलर को पार कर गया है जो एक नया कीर्तिमान है। वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, कृषि निर्यात 2021-22 के दौरान 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र में 17.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कृषि निर्यात 41.87 अरब डॉलर था। 

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में भाड़ा ऊंचा होने, कंटेनर की कमी तथा लाजिस्टिक्स के क्षेत्र में अभूतपूर्व चनौतियों के बावजूद निर्यात में यह वृद्धि उल्लेखनीय है। बयान में कहा गया है कि पिछले दो वर्ष से कृषि निर्यात अच्छा चल रहा है और इससे किसानों की आय दो गुना करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य की ओर बढ़ने में बड़ी मदद मिलेगी। 

सरकारी बयान के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में चावल (9.65 अरब डॉलर), गेहूं (2.19 अरब डॉलर), चीनी (4.6 अरब डॉलर) और अन्य अनाज (1.08 अरब डॉलर) का निर्यात नयी ऊंचाइयों पर रहा। गेहूं के निर्यात में सालाना आधार पर 273 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। 2020-21 में गेहूं का निर्यात 56.8 करोड़ डॉलर के बराबर था। 

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि इन उत्पादों के निर्यात में वृद्धि से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के किसानों को लाभ हुआ है। मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र आदि। भारत ने चावल के लिए विश्व बाजार के लगभग 50 प्रतिशत पर कब्जा कर लिया है। वर्ष के दौरान समुद्री उत्पादों का निर्यात भी रिकॉर्ड 7.71 अरब डॉलर के बराबर रहा। इससे तटीय राज्यों पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों को लाभ हुआ है। 

डीजीसीआईएंडएस के आंकड़ों के अनुसार मसालों का निर्यात लगातार दूसरे साल बढ़ा और 2021-22 में चार अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारी आपूर्ति पक्ष की चुनौतियों के बावजूद भारत से कॉफी का निर्यात पहली बार एक अरब अमरीकी डालर को पार कर गया है, जिससे कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में कॉफी उत्पादकों की आमदनी में सुधार हुआ है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि उसके अंतर्गत काम कर रही निर्यात प्रोत्साहन एजेंसियों जैसे एपीडा, एमपीईडीए और विभिन्न कमोडिटी बोर्ड देश से कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। विभाग ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों और जिला प्रशासन को शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।

वाणिज्य विभाग ने किसानों और एफपीओ को सीधे निर्यात बाजार लिंकेज प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं और निर्यातकों तथा उत्पादकों के बीच सम्पर्क बढ़ाने के लिए किसान कनेक्ट पोटर्ल स्थापित किया गया है। मंत्रालय का कहना है कि इन प्रयासों के चलते ऐसी जगहों से कृषि उपजों का निर्यात होने लगा है जहां से पहले निर्यात नहीं हो पा रहा था। आज वाराणसी (ताजी सब्जियां, आम), अनंतपुर (केला), नागपुर (नारंगी), लखनऊ (आम), थेनी (केला), सोलापुर (अनार), कृष्णा और चित्तूर (आम) से कृषि और बागवानी उत्पाद दूसरे देशों में पहुंच रहे हैं। अपरंपरागत क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनंतपुर से जेएनपीटी, मुंबई तक केले के परिवहन के लिए रीफर कंटेनरों वाली एक विशेष ट्रेन‘हैप्पी बनाना'ट्रेन शुरू की गई है।
 

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