दिवाली पर लोगों की जेब खाली करने की तैयारी में रेलवे और एयरलाइंस

Edited By ,Updated: 28 Oct, 2016 02:19 PM

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अक्सर त्यौहारों के मौके पर रेलवे यात्रियों को घर जाने के लिए कोई न कोई सुविधा देती है। हालांकि इस बार इसके उल्ट ही देखने को मिल रहा है। रेलवे और एयरलाइंस दिवाली पर तोहफा देने की बजाय आम लोगों की जेब खाली करने में लगी हुई है।

नई दिल्लीः अक्सर त्यौहारों के मौके पर रेलवे यात्रियों को घर जाने के लिए कोई न कोई सुविधा देती है। हालांकि इस बार इसके उल्ट ही देखने को मिल रहा है। रेलवे और एयरलाइंस दिवाली पर तोहफा देने की बजाय आम लोगों की जेब खाली करने में लगी हुई है। रेलवे ने त्यौहारी भीड़ को देखते हुए दर्जनों स्पेशल ट्रेने चलाने का ऐलान किया है लेकिन इन स्पेशल ट्रेनों का किराया 25 से 50 फीसदी तक ज्यादा है। अगर हवाई यात्रा की बात करें तो यहां भी लोगों की जेब काटी जा रही है। एयरलाइंस में उन जगहों के लिए जहां पर डिमांड ज्यादा है किराए में अनाप-शनाप की बढ़ौतरी कर दी है। मसलन दिल्ली से लखनऊ के लिए ही हवाई किराया 26 से 27 हजार तक पहुंच चुके हैं।

सुविधा के नाम पर वसूल रही किराया
इस बार त्यौहारी सीजन को देखते हुए रेलवे ने पिछले 1 महीने से हर दिन नई-नई स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे अपनी शेखी बघारती घूम रही है कि उसने त्यौहारी सीजन में लोगों की जरूरत के मुताबिक ट्रेनें मुहैया कराई हैं लेकिन असलियत यह है रेल यात्रियों को सुविधा देने के नाम पर जो ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें से ज्यादातर ट्रेनें फेस्टिवल स्पेशल और सुविधा ट्रेनें हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भले ही यह फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें कहीं जा रही हों लेकिन यह प्रीमियम ट्रेनें हैं यानी इसमें यात्री को सामान्य किराए के साथ ही तत्काल का शुल्क भी देना होगा। इसी तरह त्यौहारी मांग को देखते हुए जो सुविधा ट्रेनें चलाई गई हैं, उनमें सर्ज प्राइजिंग का फॉर्मूला पहले से ही लागू है। शुद्ध ट्रेनों में 20 फीसदी सीटें फुल होने के बाद उनका किराया बढ़ जाता है। सुविधा ट्रेनों में सबसे अंत में जो टिकट बुक होते हैं, वो देर से दोगुना महंगे होते हैं।  

ज्यादा किराया लेकिन सुविधा कम
स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों का कहना है कि ज्यादा किराया देने के बावजूद न तो इन ट्रेनों में कैटरिंग की सुविधा है और न ही इस बात की गारंटी है कि ये ट्रेन है राइट टाइम अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच जाएंगी। दिल्ली से पटना के लिए स्पेशल ट्रेन का टिकट बुक कराने वाले एक रेल यात्री मनोज वर्मा के मुताबिक रेलवे भी प्राइवेट कंपनियों की तरह ही आम आदमी की बेबसी का फायदा उठा रहा है घाटे के बावजूद रेलवे किराया नहीं बढ़ा पा रहा है लेकिन जब भी मौका आता है तो वह आम आदमी की मजबूरी का फायदा उठाने से नहीं सूख रहा है। उनका कहना है अगर उनसे ज्यादा किराया वसूलना है, तो इस स्पेशल ट्रेन चलाने के ऐलान के वक्त यह भी बताया जाना चाहिए कि इन ट्रेनों के लिए ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है।

एयरलाइंस ने भी मचाई लूट
उधर एयरलाइंस ने भी इस मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। दिल्ली-लखनऊ के जिस रूट पर आमतौर पर ढ़ाई से 3 हजार का टिकट मिलता है, वहां का हवाई किराया 26 से 27 हजार रुपए तक पहुंच गया है। जेट एयरवेज जहां 27,841 ले रहा है तो वहीं एयरइंडिया का किराया 26,429 तक पहुंच गया है।

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