Edited By vasudha,Updated: 02 Jul, 2019 01:33 PM
जेट एयरवेज के बाद अब विमानन कंपनी एयर इंडिया भी मश्किल दौर से गजर रही है। अब हालात यह हो गए हैं कि कंपनी के पास कर्मचारियों को अक्टूबर के बाद सैलरी देने के पैसे नहीं है। एयर इंडिया हर महीने सैलरी पर 300 करोड़ रुपये खर्च करती है...
बिजनेस डेस्क: जेट एयरवेज के बाद अब विमानन कंपनी एयर इंडिया भी मश्किल दौर से गुजर रही है। अब हालात यह हो गए हैं कि कंपनी के पास कर्मचारियों को अक्टूबर के बाद सैलरी देने के पैसे तक नहीं है। एयर इंडिया हर महीने सैलरी पर 300 करोड़ रुपये खर्च करती है।
एक अधिकारी के अनुसार सरकार ने एयर इंडिया को 7,000 करोड़ की रकम पर सॉवरन गारंटी दी थी और कंपनी के पास 2,500 करोड़ रुपये बचे हैं लेकिन तेल कंपनियों, एयरपोर्ट ऑपरेटरों और अन्य वेंडर्स का बकाया चुकाने और कुछ महीनों की सैलरी देने में ये पैसे खर्च हो जाएंगे। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया हर महीने सैलरी पर 300 करोड़ रुपये खर्च करती है और वह महीनों से इसका भुगतान देरी से कर रही है।मई की सैलरी भी 10 दिन की देरी से दी गई थी।
खबरों के अनुसार एअर इंडिया को इस वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान शुरू करना है, लेकिन उसकी हालत ऐसी नहीं दिख रही है। इस साल कंपनी को जो कर्ज चुकाना था, उसमें से आधे का भुगतान वह अगले वित्त वर्ष के लिए टालने की कोशिश में है। कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी है। सरकार इस कंपनी में 100 पर्सेंट हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की योजना बना रही है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से इसे बेचने के लिए कोशिश हो जा चुकी है, लेकिन कर्ज के कारण इसे खरीदार नहीं मिल सका।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले आए अंतरिम बजट में एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को पिछले वित्त वर्ष में 3,900 करोड़ रुपये दिए गए थे और इस वित्त वर्ष में उसे 29,000 करोड़ दिए जाएंगे। इस कंपनी को एयर इंडिया का 58,000 करोड़ का कर्ज ट्रांसफर किया गया है।