Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Apr, 2018 01:30 PM
सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को हर महीने 200-250 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है, जिसकी वजह से कंपनी को कई सारे विमानों का रख-रखाव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्लीः सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को हर महीने 200-250 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है, जिसकी वजह से कंपनी को कई सारे विमानों का रख-रखाव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी को जानकारी दी है कि एयर इंडिया हर महीने 200-250 करोड़ रुपये के कैश डेफिसिट का सामना कर रहा है।
सरकार इन वजहों से नहीं दे रही है ज्यादा पैसा
मंत्रालय ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी को बताया कि एयर इंडिया को सरकार की तरफ से काफी कम पैसा दिया जा रहा है क्योंकि कई पुराने मामलों में सी.बी.आई. की तरफ से जांच चल रही है। 2011 से सरकार ने एयर इंडिया का कैश फ्लो कम कर दिया है, जिसकी वजह से काफी सारे विमान खड़े हुए हैं।
कंपनी नहीं खरीद पा रही है स्पेयर पार्ट्स
कैश फ्लो कम होने की वजह से एयर इंडिया खराब पड़े विमानों के स्पेयर पार्ट्स भी नहीं खरीद पा रही है। 2015 में कंपनी का विमानों के रखरखाव का खर्चा 2500 करोड़ रुपए के पार चला गया था। फिलहाल कंपनी को बाहर से 300 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की दरकरार है, जिससे वो विदेशी कंपनियों के पैसे को चुका सके।
सरकार बेचने जा रही है 76% हिस्सेदारी
पीएसी ने एयर इंडिया की कार्यकुशलता पर इसलिए जांच की है क्योंकि सरकार इसमें अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने जा रही है। ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और संस्कृति पर बनी इस कमेटी के अध्यक्ष तृणमूल कांग्रेस के सासंद डेरेक ओ ब्रायन हैं, जिन्होंने सरकार के इस कदम का विरोध किया था लेकिन एनडीए के सांसदों ने इस विरोध को खारिज कर दिया था।
2 महीने से खड़े हैं लीज पर लिए विमान
एयर इंडिया ने जिन विमानों को लीज पर ले रखा है वो करीब दो महीने से देश के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर खड़े हैं, क्योंकि कई जरूरी बिंदुओं पर बात होनी बाकी है। एयर इंडिया पर फिलहाल 48876 करोड़ रुपए का कर्ज है, जबकि इसके ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार हो चुका है।