Edited By Supreet Kaur,Updated: 01 Jun, 2018 10:26 AM
नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि उसे एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में बेहतर भागीदारी की उम्मीद थी। मंत्रालय ने संकेत दिया है कि विनिवेश के लिए शुरुआती बोलियां नहीं मिलने के बाद अब हिस्सेदारी बिक्री की रणनीति पर नए सिरे से विचार किया जा...
नई दिल्लीः नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि उसे एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में बेहतर भागीदारी की उम्मीद थी। मंत्रालय ने संकेत दिया है कि विनिवेश के लिए शुरुआती बोलियां नहीं मिलने के बाद अब हिस्सेदारी बिक्री की रणनीति पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है। वहीं मुंबई से मिली खबरों के अनुसार एयर इंडिया की कर्मचारी यूनियनों ने एयरलाइन के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली नहीं मिलने को अपनी जीत बताया है।
एयर इंडिया के लिए नहीं आई कोई बोली
एयर इंडिया यूनियनों के संयुक्त मंच ने बयान में कहा, ‘‘एयर इंडिया के लिए कोई बोली नहीं मिली। यह एयरलाइन को बचाने के संयुक्त मंच के प्रयासों की जीत है।’’ एयर इंडिया की रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री के लिए रुचि पत्र देने की समयसीमा कल समाप्त हो गई। नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने कहा, ‘‘हम आगे बेहतर भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं।’’ चौबे ने कहा कि वित्त मंत्री की अगुवाई वाली वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एयर इंडिया के विनिवेश के लिए भविष्य की कार्रवाई तय की जाएगी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार नहीं चाहेगी कि एयरलाइन की बाजार हिस्सेदारी कम हो।
कंपनी का हो सकता है पुनर्गठन
रुचि पत्र देने की समयसीमा समाप्त होने के बाद चौबे ने संकेत दिया कि विनिवेश की रणनीति पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ताजा घटनाक्रमों से एयरलाइन को परिचालन में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आएं। इससे पहले नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि लेनदेन सलाहकार ने सूचित किया है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस बीच मुंबई से मिली खबरों के अनुसार सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (कापा) ने सरकार से कर्ज के बोझ से दबी एयर इंडिया का व्यापक पुनर्गठन करने को कहा है। सिडनी के शोध संस्थान कापा ने कहा कि इस विफलता के बाद विनिवेश की योजना को छोडऩा उचित नहीं होगा। कापा ने सलाह दी कि अब सरकार को एयर इंडिया के निजीकरण के नियमों को सरल करना चाहिए।