Edited By Yaspal,Updated: 26 Mar, 2019 06:00 PM
यूरोपीय कंपनी एयरबस ने बोइंग 737 मैक्स को जोर का झटका दिया है। पिछले पांच महीने से भी कम वक्त में बोइंग 737 मैक्स दो भीषण हादसों के बाद संकटों से जूझ रही है। इस दौरान दिग्गज विमान....
नई दिल्ली: यूरोपीय कंपनी एयरबस ने बोइंग 737 मैक्स को जोर का झटका दिया है। पिछले पांच महीने से भी कम वक्त में बोइंग 737 मैक्स दो भीषण हादसों के बाद संकटों से जूझ रही है। इस दौरान दिग्गज विमान निर्माता कंपनी बोइंग को उसकी प्रतिद्वंद्वी एयरबस ने चीन को 300 विमान बेचने के सौदे की घोषणा की है। यह सौदा बोइंग के ताबूत की अंतिम कील साबित हो सकता है, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा बिकने वाला विमान 737 मैक्स ही है, जिसके उड़ान पर लगभग दुनियाभर में प्रतिबंध लग चुका है। ग्राहकों का भरोसा अब बोइंग 737 मैक्स विमानों से उठ चला है, जिसके कारण वे अब एयरबस पर फोकस कर रहे हैं। सीएनएन ने एयरबस का हवाला देते हुए कहा कि सौदे पर हस्ताक्षर चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग के फ्रांस दौरे के दौरान किया गया।
सूत्रो के मुताबिक, इस ऑर्डर के तहत ए320 फैमिली के 290 विमान और ए350 फैमिली के 10 विमान चीन को बेचे जाएंगे। यह सौदा चीन के बेहद तेजी से बढ़ते विमानन बाजार से भारी मांग का संकेत है। एयरबस ने सौदे की कुल रकम और इससे जुड़ी अधिक जानकारियों का खुलासा नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि चीन पहला देश है, जिसने 10 मार्च को इथियोपियन एयरलाइंस के विमान के क्रैश होने के बाद सबसे पहले बोइंग 737 मैक्स विमान के उड़ान पर रोक लगाई थी। इस क्रैश में 189 लोगों की मौत हो गई थी।
मुद्दे की बात यह है कि बोइंग ने किसी नए पैसेंजर विमान के डिवेलपमेंट की जगह बोइंग 737 के अपग्रेडेशन को तवज्जो दिया, जिसके कारण उसके पास फिलहाल इससे उन्नत पैसेंजर विमान नहीं है। एक नया पैसेंजर विमान विकसित करने में कम से कम 10 साल का वक्त लगता है। इस तरह अगर बोइंग ग्राहकों में 737 मैक्स विमानों के प्रति भरोसा दोबारा नहीं जगा पाया, तो उसकी लुटिया डूबनी तय है। इसका पूरा फायदा एयरबस को होगा।
बोइंग के पास सैकड़ों विमानों के ऑर्डर हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि दोनों विमान हादसे के बाद विमानन कंपनियों इन्हें रद्द करने पर विचार कर रही हैं, जिसका संकेत वे कई बार दे चुके हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरबस का ए320 नियो विमान बोइंग 737 मैक्स के टक्कर का विमान है। दोनों ही नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट हैं, जो कम दूरी तथा लंबी दूरी के मार्गों पर उड़ान भरते हैं। दोनों को दुनियाभर की विमानन सेवा प्रदाता कंपनियों से हजारों ऑर्डर मिले हैं।
इससे पहले बोइंग ने भी दो साल पहले इसी तरह का भारी-भरकम ऑर्डर मिलने की घोषणा की थी। एयरबस और बोइंग दोनों कंपनियों को ऑर्डर चीन सरकार की होल्डिंग कंपनी देती है और ये विमान सरकारी विमानन कंपनियों एयर चाइना और चाइन साउदर्न एयरलाइंस के लिए खरीदे जाते हैं।