हवाई सफर करना हुआ महंगा

Edited By ,Updated: 01 Mar, 2016 10:21 AM

aircraft fuel excise duty

आम बजट में विमान ईंधन पर 14 प्रतिशत के ऊंचे उत्पाद शुल्क के प्रस्ताव से विमान यात्रा महंगी हो जाएगी। हालांकि, बजट में एमआरआे

नई दिल्ली: आम बजट में विमान ईंधन पर 14 प्रतिशत के ऊंचे उत्पाद शुल्क के प्रस्ताव से विमान यात्रा महंगी हो जाएगी। हालांकि, बजट में एमआरआे कार्य के लिए करों को तर्कसंगत बनाकर विमानन क्षेत्र को राहत देने का भी प्रयास किया गया है।   

 

बजट 2016-17 विमानन क्षेत्र के लिए सौगात और निराशा दोनों लाया है। एयरलाइंस विमान ईंधन पर शुल्क कटौती की उम्मीद कर रही थीं। विमानन कंपनियों की लागत में एटीएफ का हिस्सा 40 प्रतिशत बैठता है। विमान ईंधन (एटीएफ) पर उत्पाद शुल्क को 8 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।   

 

वित्त मंत्री अरुण जेतली ने अपने बजट भाषण में कहा कि सिर्फ क्षेत्रीय कनैक्टिविटी योजना के तहत विमानों को एटीएफ की आपूर्ति पर 8 प्रतिशत का उत्पाद शुल्क लगेगा। विमान ईंधन पर उत्पाद शुल्क में बढ़ौतरी का प्रस्ताव एेसे समय किया गया है जबकि एयरलाइंस जेट ईंधन पर शुल्क कटौती की मांग कर रही थीं।   

 

वैश्विक सलाहकार केपीएमजी के वैमानिकी प्रमुख एवं भागीदार अंबर दुबे ने कहा कि एटीएफ पर उत्पाद शुल्क में बढ़ौतरी से कच्चा माल करीब 4 से 5 प्रतिशत महंगा हो जाएगा। इस समय भारत में एटीएफ वैश्विक एटीएफ मूल्यों से 60 से 70 प्रतिशत महंगा है। यह सरकार के विमान सेवा को जनजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से उलट है।

 

वैश्विक एयरलाइंस के निकाय इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट (आईएटीए) ने कहा कि एटीएफ पर उत्पाद शुल्क में बढ़ौतरी से भारत में एयरलाइंस के लिए ऊंची लागत का वातावरण बनेगा। इसके अलावा सभी कर योग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत के उपकर से विमान टिकट महंगा होगा। 1 जून, 2016 से सभी कर योग्य सेवाओं पर कृषि कल्याण कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।   

 

हालांकि, मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार ने एमआरआे सेवाओं पर करों की दर को तर्कसंगत बनाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। जेतली ने इस क्षेत्र के लिए कुछ राहत भी दी है। इसमें विमानों के कलपुर्जों पर आयात प्रक्रिया का सरलीकरण, शुल्क मुक्त कलपुर्जों के इस्तेमाल के लिए एक साल की अंकुश की खिड़की को समाप्त किया जाना और रखरखाव टूल्स और ट्रल किट पर सीमा शुल्क की छूट शामिल है।   

 

सलाहकार कंपनी पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार (विमानन) धीरज माथुर ने कहा कि बजट का सकारात्मक पक्ष यह है कि सरकार ने काफी हद तक एमआरआे उद्योग की मांग को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही एमआरआे सेवाओं पर सेवा कर की दर को 14 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। 

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