विमान यात्रियों को राहत: टिकट रद्द कराने पर अब मिलेगा ज्यादा रिफंड

Edited By ,Updated: 12 Jun, 2016 12:15 PM

airline ashok gajapathi raju

सरकार ने विमान टिकट रद्द करने पर बेहद ऊंचा शुल्क को सीमित करने, विमान में चढऩे से वंचित रखने पर मुआवजा 5 गुना बढ़ाकर 20,000 रुपए करने

नई दिल्ली: सरकार ने विमान टिकट रद्द करने पर बेहद ऊंचा शुल्क को सीमित करने, विमान में चढऩे से वंचित रखने पर मुआवजा 5 गुना बढ़ाकर 20,000 रुपए करने तथा अतिरिक्त सामान ले जाने पर एयरलाइनों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को घटाने जैसे कुछ कदमों का प्रस्ताव किया है। इस कदम से विमान यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।   

 

नागर विमानन मंत्रालय द्वारा नियमों में बदलाव के लिए आगे बढ़ाए गए प्रस्ताव के दायरे में भारतीय विमानन कम्पनियों की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें आएंगी। इन बदलावों का प्रस्ताव यात्रियों की आेर से मिलने वाली शिकायतों के बाद किया गया है। पिछले साल जहां 4,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं वहीं 63,400 उड़ानों में देरी हुई।   

 

नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि यात्रियों से समस्याआेें के सही समय के भीतर ना सुलझाए जाने की शिकायतें मिलने के बाद ये उपाय प्रस्तावित किए गए हैं। सरकार ने अंशधारकों को अपने सुझाव और टिप्पणियों के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है जिसके बाद इन नए नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा और क्रियान्वित किया जाएगा।   

 

नागर विमानन महानिदेशक एम सत्यवती ने कहा कि अतिरिक्त सामान या बैगेज शुल्क के नियम हालांकि 15 जून से क्रियान्वित किए जाएंगे। यात्रियों के अनुकूल कुछ उपायों का सुझाव देते हुए नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि एयरलाइंस को उड़ान रद्द होने की स्थिति में सभी लगाए गए सांविधिक कर को वापस करना होगा। नागर विमानन महानिदेशालय (डी.जी.सी.ए.) ने प्रस्ताव किया है, ‘‘किसी भी परिस्थिति में टिकट रद्द कराने का शुल्क ‘मूल किराए’ से अधिक नहीं होगा आर विमानन कम्पनियां रिफंड की प्रोसैसिंग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकेंगी। 

 

चेक्ड इन बैगेज के संबंध में एयरलाइंस सामानों के 15 किलोग्राम की सीमा से ज्यादा वजन होने पर 20 किलोग्राम तक के लिए प्रति किलोग्राम 100 रुपए का शुल्क लेंगी। इस समय 15 किलोग्राम की सीमा से अधिक सामान होने पर प्रति किलोग्राम के लिए 300 रुपए का शुल्क लिया जाता है। केवल एयर इंडिया 23 किलोग्राम तक नि:शुल्क सामान ले जाने की मंजूरी देती है। 

 

सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया सहित सभी घरेलू एयरलाइंस ने सरकार के प्रस्तावित यात्री केंद्रित संशोधनों पर प्रतिक्रिया से इनकार किया। वहीं विमान यात्रियों के निकाय ए.पी.ए.आई. ने इन कदमों का स्वागत करते हुए कहा कि ये बदलाव लगभग एक दशक बाद लाए जा रहे हैं और इससे विमान यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और अधिक से अधिक लोग विमान यात्रा के लिए प्रोत्साहित होंगे। विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने हालांकि इन प्रस्तावित बदलावों की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे विमानन क्षेत्र का वृद्धि का इंजन पलट जाएगा।  

 

बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किए गए आंकड़े के अनुसार इस साल जनवरी-मार्च के दौरान दस भारतीय एयरलाइनों ने कुल 18,512 उड़ानों में देरी की। सत्यवती ने दावा किया कि इन प्रस्तावों पर एयरलाइंस के साथ विचार किया गया है और वे इससे सहमत हैं। ‘‘हमें एयरलाइंस से किसी तरह के विरोध की संभावना नहीं दिखती।’’   एयर पैसेंजर एसोसिएशन आफ इंडिया (ए.पी.ए.आई.) के अध्यक्ष डी सुधारक रेड्डी ने कहा कि हमें इस बात की बेहद खुशी है कि एेसे बदलावों का प्रस्ताव किया गया है जिससे यात्रियों को काफी फायदा होगा। इससे अधिक से अधिक यात्री विमान यात्रा के लिए उत्साहित होंगे और इससे घरेलू विमानन क्षेत्र को रफ्तार मिलेगी। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!