Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Jun, 2020 02:35 PM
तेल विपणन कंपनियों ने आज से विमान ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की है जिससे दो महीने के लॉकडाउन के कारण पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रही एयरलाइंस की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
नई दिल्लीः तेल विपणन कंपनियों ने आज से विमान ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की है जिससे दो महीने के लॉकडाउन के कारण पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रही एयरलाइंस की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 01 जून से विमान ईंधन की कीमत 12,126.75 रुपए बढ़ाकर 33,575.37 रुपए प्रति किलोलीटर कर दी गई है।
इससे पहले 16 मई से 31 मई तक इसकी कीमत 21,448.62 रुपए प्रति किलोलीटर थी। इस प्रकार इसमें 56.54 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की गई है। विमान सेवा कंपनियों के कुल व्यय का 35 से 40 प्रतिशत विमान ईंधन के मद में खर्च होता है। दो महीने तक घरेलू यात्री उड़ानों पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण पहले से ही उनके सामने नकदी का संकट है। ऐसे में ईंधन के दाम बढ़ने से उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
लॉकडाउन के बीच घरेलू उड़ानों को बीते सोमवार को फिर से चालू कर दिया गया, लेकिन विभिन्न राज्यों के अलग-अलग क्वारंटीन नियमों सहित कई अन्य कारणों से विमान यात्रियों की संख्या बेहद कम है। जिसके कारण एयरलाइन कंपनियों के साथ-साथ खास्ताहाल अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है।
नागरिक उड्डयन मंत्री एच. एस. पुरी ने बीते रविवार को ट्वीट किया, 'देश के 501 घरेलू हवाई मार्गों पर 44,593 यात्रियों ने यात्रा की। इसका मतलब यह है कि 180 सीटों तक की क्षमता वाले विमानों में औसतन 100 से भी कम यात्रियों ने यात्रा की।'
वहीं, एक एयरलाइन के अधिकारी ने बताया, 'हमारा ऐवरेज लोड फैक्टर 50%-60% है। अधिकतर टिकट एक तरफ के कट रहे हैं। एक बार जब विभिन्न शहरों में फंसे लोग अपने घर पहुंच जाएंगे, उसके बाद हवाई यात्रा धीरे-धीरे पटरी पर लौटेगी और कारोबारियां गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी। घूमने-फिरने के लिए यात्रा से लोग परहेज कर रहे हैं और इस तरह की यात्रा में अभी लंबा वक्त लगेगा।'
पिछले लगभग एक साल से इस फरवरी तक दिल्ली में एटीएफ की कीमत 60-65,000 रुपए प्रति किलोलीटर थी। मार्च में कीमतों में गिरावट शुरू हुई, क्योंकि इसी महीने से लॉकडाउन के कारण उड़ानों को निलंबित करने का सिलसिला शुरू हुआ था। पिछले महीने एटीएफ की कीमत अपने निचले स्तर को छू चुकी थी।