Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Mar, 2020 04:50 PM
कोरोना वायरस लम्बा खिंचा तो एशिया प्रशांत क्षेत्र में हवाईअड्डों को तीन अरब डॉलर तक की आय से वंचित होना पड़ सकता है। हवाईअड्डों के वैश्विक संगठन एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) की एशिया-प्रशांत इकाई ने क्षेत्र की सरकारों और विमानन नियामकों से...
मुंबईः कोरोना वायरस लम्बा खिंचा तो एशिया प्रशांत क्षेत्र में हवाईअड्डों को तीन अरब डॉलर तक की आय से वंचित होना पड़ सकता है। हवाईअड्डों के वैश्विक संगठन एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) की एशिया-प्रशांत इकाई ने क्षेत्र की सरकारों और विमानन नियामकों से अनुरोध किया है कि वे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार समायोजन और राहत के सुस्पष्ट कदम उठाएं।
एसीआई (विश्व) का कहना है कि वायरस के प्रकोप का सबसे ज्यादा असर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विमान यात्रियों की संख्या पर पड़ा है। 2020 की पहली तिमाही में इस क्षेत्र यात्रियों की संख्या सालाना आधार पर 24 प्रतिशत घटी है। एसीआई (विश्व) के अनुमान ‘एयरपोर्ट ट्रैफिक फोरकास्ट 2019-2040' में कहा है कि सामान्य परिस्थिति में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 2020 की पहली तिमाही में 12.4 अरब डॉलर का राजस्व आय का अनुमान लगाया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से तीन अरब डॉलर तक राजस्व नुकसान होने की आशंका है। इसमें भी सबसे ज्यादा नुकसान चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया के हवाई अड्डों को होगा। यहां हवाई यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है। एसीआई हवाईअड्डों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसमें 176 देशों की 668 सदस्य कंपनियां है जो कुल 1,979 हवाईअड्डों का परिचालन करती हैं।