अक्षय तृतीया तक गोल्ड में रह सकता है उतार-चढ़ाव

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Apr, 2019 01:30 PM

akshaya tritiya can stay in gold upside down

अक्षय तृतीया से पहले गोल्ड के दाम में उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) रह सकता है। लोग समृद्धि के प्रतीक के रूप में अक्षय तृतीया पर सोना खरीदते हैं। बैंकरों और एनालिस्टों का कहना है कि 7 मई को अक्षय तृतीया तक गोल्ड प्राइस में

कोलकाताः अक्षय तृतीया से पहले गोल्ड के दाम में उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) रह सकता है। लोग समृद्धि के प्रतीक के रूप में अक्षय तृतीया पर सोना खरीदते हैं। बैंकरों और एनालिस्टों का कहना है कि 7 मई को अक्षय तृतीया तक गोल्ड प्राइस में 500 रुपए प्रति 10 ग्राम की कमी या बढ़ौतरी दिख सकती है। उन्होंने कहा कि बढ़ौतरी या गिरावट अमरीकी अर्थव्यवस्था और रुपए की हालत पर निर्भर करेगी।

इस वोलैटिलिटी के बावजूद उन्हें उम्मीद है कि रूरल डिमांड पिछले साल से कुछ ज्यादा रह सकती है। उनकी दलील है कि पी.एम. किसान सम्मान निधि योजना तहत किसानों को मिले 2000 रुपए और आने वाले दिनों में मिल सकने वाले और 2000 रुपए से ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास इतना पैसा हो जाएगा कि वे सोना खरीदने बारे सोचने लगेंगे। गांवों में किसी भी दूसरी एसैट के मुकाबले गोल्ड का आकर्षण ज्यादा रहता है। स्पॉट मार्कीट में गोल्ड 32,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास था।

गोल्ड का दाम रुपए की मूवमैंट पर निर्भर
कोटक महिंद्रा बैंक के सीनियर वाइस प्रैसीडैंट और बिजनैस हैड (ग्लोबल ट्रांजैक्शन बैंकिंग एंड प्रेशस मैटल्स) शेखर भंडारी ने कहा कि गोल्ड का दाम अमरीका में ब्याज दरों में मूवमैंट तथा अमरीकी इकोनॉमी की हालत के आधार पर चढ़ सकता है। अमरीकी इकोनॉमी में अभी थोड़ी अनिश्चितता है और इसका असर गोल्ड प्राइस पर पड़ेगा। गोल्ड प्राइस शॉर्ट टर्म में 1300-1320 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस रह सकता है। साथ ही भारत में गोल्ड का दाम डॉलर के मुकाबले रुपए की मूवमैंट पर निर्भर करेगा। लिहाजा इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए गोल्ड मौजूदा लेवल से या तो 500 रुपए प्रति 10 ग्राम चढ़ सकता है या गिर सकता है।

ग्रामीण इलाकों में दिख सकती है गोल्ड की डिमांड
एच.डी.एफ.सी. सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने कहा कि भारत में सोने का दाम निकट भविष्य में ऊंचा रह सकता है क्योंकि अक्षय तृतीया के चलते आगे अच्छी खरीदारी हो सकती है। पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के हालिया लोक लुभावन कदमों के कारण ग्रामीण इलाकों में सोने की ज्यादा डिमांड दिख सकती है। इन कदमों से किसानों की आमदनी बढ़ी है। सोने के दाम को रुपए में कमजोरी से भी सपोर्ट मिल सकता है। ब्रैग्जिट और ट्रेड वॉर के कारण ग्लोबल ग्रोथ से जुड़ी चिंता भी बुलिश फैक्टर बन सकती है जिस कारण इंटरनैशनल मार्कीट में सोना चढ़ सकता है। इससे भी भारत में सोने के भाव का नीचे जाना संभव नहीं होगा। हमारा अनुमान है कि मीडियम टर्म में सोने का दाम ऊंचा रहेगा और 32,800 रुपए पर रजिस्टैंस है। इसके ऊपर प्राइस 34,450 रुपए की ओर जा सकता है। इसे 31,500 रुपए पर दमदार सपोर्ट दिख रहा है।

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