Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Sep, 2018 04:13 PM
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विश्व की बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि, तकनीक और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सभी देशों के मिलजुल कर काम करने पर जोर दिया है। श्रीमती बादल ने वाणिज्य एवं उद्योग...
नई दिल्लीः खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विश्व की बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि, तकनीक और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सभी देशों के मिलजुल कर काम करने पर जोर दिया है। श्रीमती बादल ने वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ फिक्की और खाद्य वस्तुओं की कंपनी कारगिल की ओर से पोषण सुरक्षा को लेकर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी 9.5 अरब हो जाएगी। उस समय तक खाद्य वस्तुओं की मांग दोगुनी हो जाएगी। साथ ही दुनिया में हर छठा व्यक्ति भारतीय होगा।
उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत, चीन और इंडोनिशया की आबादी विश्व की कुल आबादी का 65 फीसदी हो जाएगी। उस समय तक इन तीनों देशों में 85 फीसदी शहरीकरण हो जाएगा। गांव से शहर में आने के बाद बढ़ते काम की वजह से लोगों के खानपान की आदतों में बदलाव आएगा और वे प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुएं खाना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में खाद्य पदार्थों की मांग पूरी करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत होगी जिससे फसलों की भरपूर पैदावार हो। इसके साथ ही जल्द खराब होने वाली वस्तुओं को नष्ट होने से बचाने की तकनीक, खाद्य प्रसंस्करण की प्रौद्योगिकी और विकास के अन्य क्षेत्रों में दशों को मिलजुल कर काम करना होगा।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने कहा कि जो हमारे देश के लिए चुनौती है वह दूसरे देशों के लिए अवसर हो सकता है। भारत कई तरह के अनाजों के साथ दूध, फलों, सब्जियों, मांस और समुद्री खाद्य उत्पादन में शीर्ष पर है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि खेतों में तैयार होने के बाद परिवहन, भंडारण, कोल्ड चेन और प्रसंस्करण की सुविधाओं के अभाव में इनका बड़ा हिस्सा नष्ट हो जाता है। देश में करीब 10 फीसदी वस्तुओं का ही प्रसंस्करण हो पाता है।