Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Dec, 2018 01:27 PM
अमेरिकी कंपनी जॉनसन ऐंड जॉनसन के लिए बुरी खबर है। अब जॉनसन ऐंड जॉनसन का शैंपू और बेबी सोप भी देश के ड्रग रेग्युलेटर की रेडार पर आ गया है। ये दोनों प्रॉडक्ट्स भी अब जांच के दायर में हैं।
बिजनेस डेस्कः अमेरिकी कंपनी जॉनसन ऐंड जॉनसन के लिए बुरी खबर है। अब जॉनसन ऐंड जॉनसन का शैंपू और बेबी सोप भी देश के ड्रग रेग्युलेटर की रेडार पर आ गया है। ये दोनों प्रॉडक्ट्स भी अब जांच के दायर में हैं। पहले से ही भारत में बेबीकेयर प्रॉडक्टस के लिए मशहूर इस कंपनी के पाउडर में कैंसर के कारक एस्बेसटस की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही थी। इसके अलावा रेग्युलेटर ने कंपनी के मुंबई स्थित फैक्ट्री में पाउडर निर्माण के लिए उपलब्ध रॉ मटीरियल के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है।
बुधवार को भी इसी तरह का एक आदेश जॉनसन ऐंड जॉनसन के हिमाचल के बद्दी स्थित प्लांट के लिए भी जारी किया गया था। एक अधिकारी के अनुसार, शुरूआती जांच में पता चला है कि कंपनी ड्रग ऐंड कॉस्मेटिक रूल्स के तहत रॉ मटीरियल के टेस्टिंग नॉर्म्स का पालन नहीं कर रही थी। अधिकारी ने बताया, 'नियमानुसार कंपनी को एसबेस्टस की मात्रा और स्पेशिफिकेशन की जानकारी जुटाने के लिए रॉ मटीरियल के हर बैच की जांच करनी होती है। इंस्पेक्टर ने जांच के दौरान पाया कि कंपनी रॉ मटीरियल के हर बैच की जांच की जगह कुछ चुनिंदा रॉ मटीरियल की जांच कर रही थी।'
ड्रग रेग्युलेटर के अनुसार ड्रग इंस्पेक्टर्स ने कंपनी के मुबंई प्लांट में पाउडर निर्माण से संबंधित 200 टन रॉ मटीरियल बरामद किया, जिसके बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से आदेश मिलने तक इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसी तरह से बद्दी के प्लांट में 80 टन पाउडर और अन्य निर्माण सामग्री जांच के दौरान मिली है, इसे टेस्टिंग के लिए भेज दिया गया है।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी के अनुसार जब्त किए गए सैंपल्स को तीन मानको पर जांचा जाएगा। इसमें मैन्युफैक्चरिंग और रेग्युलेटरी स्टैंडर्ड्स के पालन की जांच, फिर इसके पाउडर में एस्बेस्टस की मात्रा और रॉ मटीरियल की जांच की जाएगी। इसके अलावा जॉनसन ऐंड जॉनसन के प्रॉडक्ट्स को देश के कॉस्मेटिक स्टैंडर्ड्स पर भी परखा जाएगा।
कंपनी के पाउडर पर सबसे पहले अमेरिका में एस्बेसटस की मात्रा को लेकर सवाल उठे थे। इसी साल जुलाई में अमेरिका की एक अदालत में 22 महिलाओं द्वारा कंपनी के पाउडर में एस्बेसटस की मौजदूगी की वजह से कैंसर होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद कंपनी को इन पीड़ितों को 4.7 अरब रुपये का जुर्माना देने का आदेश कोर्ट ने दिया था।