अमेरिका, अन्य स्थानों पर तेल भंडारण की तलाश कर रहा है भारत: प्रधान

Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Sep, 2020 03:43 PM

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पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि भारत आपूर्ति पक्ष के जोखिम को कम करने के लिए अमेरिका और वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य अन्य स्थानों में कच्चे तेल का भंडारण करने की संभावनाएं तलाश रहा है।

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि भारत आपूर्ति पक्ष के जोखिम को कम करने के लिए अमेरिका और वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य अन्य स्थानों में कच्चे तेल का भंडारण करने की संभावनाएं तलाश रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है।

भारत ने तेल आयात में विविधता लाने के लिए उतार-चढ़ाव भरे पश्चिम एशिया के परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं के अलावा अमेरिका, रूस और अंगोला से लंबे समय तक कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए समझौता किया है। उन्होंने ‘अत्मनिर्भर भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा’ पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब 30 से अधिक देशों से कच्चे तेल का आयात कर रहा है, जिसमें अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका के साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा हम अमेरिका और अन्य व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य स्थानों में कच्चे तेल के भंडारण की संभावनाएं तलाश रहे हैं। भारत और अमेरिका ने 17 जुलाई को आपातकालीन कच्चे तेल भंडार के संबंध में एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत भारत द्वारा अमेरिकी आपातकालीन भंडार में तेल भंडारण करने की संभावना शामिल हैं।

भारत इस समय पूर्वी और पश्चिमी तट पर तीन स्थानों में 53.3 लाख टन (लगभग 3.8 करोड़ बैरल) तेल का भंडारण करता है। इससे देश की मुश्किल से 9.5 दिनों की जरूरत पूरी हो सकती है।प्रधान ने बताया कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिका, रूस और अंगोला में अपन समकक्षों के साथ नए दीर्घावधि के करार किए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह गैस के आयात में भी विविधता लाई जा रही है।



 

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