बच्चन भाइयों को बोफोर्स मामले में बचाने वाले वकील को IT ने किया फोन, मांगी इनफार्मेशन

Edited By ,Updated: 16 Jun, 2016 08:37 AM

amitabh bachchan

आयकर विभाग ने लंदन में रहने वाले वकील सरोश जायवाला से संपर्क किया है। उनसे उन शिपिंग कंपनियों से जुड़ाव के बारे में बातचीत की गई है, जिन्होंने अमिताभ बच्चन को निदेशक बना रखा है।

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने लंदन में रहने वाले वकील सरोश जायवाला से संपर्क किया है। उनसे उन शिपिंग कंपनियों से जुड़ाव के बारे में बातचीत की गई है, जिन्होंने अमिताभ बच्चन को निदेशक बना रखा है। जायवाला ने ही वर्ष 1990 में बच्चन भाइयों को बोफोर्स मामले से बाहर निकाला था। जायवाला ही वह शख्स हैं जिन्होंने अमिताभ के भाई अजिताभ और दिवंगत शिपिंग मैगनेट मेहरनूश खजोटिया के बीच सांझेदारी करवाई। इसी सांझेदारी के तहत 1990-91 के बीच कई शिपिंग कंपनियां स्थापित की गईं।

इन्हीं कंपनियों में से एक नील शिपिंग कंपनी लि. (बहामास) ने ट्रैम्प शिपिंग लि. (बहामास), यह वही कंपनी है जिसके अमिताभ बच्चन निदेशक थे, से वर्ष 1994 में एक जहाज अधिगृहीत किया था। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने पिछले महीने जायवाला को लिख कर उनसे पनामा पेपर्स की जांच में मदद की मांग की थी।

क्या कहा जायवाला ने
वहीं एक अंग्रेजी अखबार को भेजे एक ई-मेल में जायवाला ने कहा, ‘‘हां, भारत के आयकर विभाग ने मुझसे संपर्क कर मेरी मदद मांगी है। मेरा जवाब था कि मैं उनकी गुजारिश पर गौर करूंगा अगर वे मुझसे वैध रूप में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए संपर्क करेंगे।’’ वहीं कुछ समय पहले एक ई-मेल के जरिए जायवाला ने कहा था कि बच्चन परिवार ने 15 मिलियन अमरीकी डालर शिपिंग कंपनियों में सांझेदारी के तहत निवेश किए थे।

अमिताभ बच्चन का साफ  इंकार
कई कंपनियों के कागजात में अमिताभ बच्चन को इन कंपनियोंं का निदेशक बताया गया है, टैली कांफ्रैंसिंग के जरिए उनके बोर्ड मीटिंग में शामिल होने के रिकार्ड मौजूद हैं और अजिताभ बच्चन के स्वामित्व वाली कंपनी से जहाज भी खरीदा गया। अमिताभ बच्चन ने इन कंपनियों से किसी तरह का संबंध होने से साफ  इंकार किया है।

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