Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2020 10:20 AM
प्रवर्तन निदेशालय आम्रपाली समूह से जुड़े एक मामले में जेपी मॉर्गन इंडिया (JP Morgan India) के निदेशक मंडल के सदस्यों से विस्तृत पूछताछ शुरू करेगा, जिसमें एक चीनी नागरिक भी शामिल है।
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय आम्रपाली समूह से जुड़े एक मामले में जेपी मॉर्गन इंडिया (JP Morgan India) के निदेशक मंडल के सदस्यों से विस्तृत पूछताछ शुरू करेगा, जिसमें एक चीनी नागरिक भी शामिल है। यह मामला आम्रपाली समूह की रियल एस्टेट परियोजनाओं में घर खरीदने वालों के करोड़ों रुपए के कथित हेराफेरी से संबंधित है। जांच ऐजेंसी को इस सबंध में उच्चतम न्यायालय के 18 जून के आदेश से बल मिला है।
140 करोड़ रुपए एस्क्रो खाते में ट्रांसफर के आदेश
न्यायालय ने जेपी मॉर्गन को अपने एक बैंक खाते से 140 करोड़ रुपए से अधिक की रकम को यूको बैंक में खोले गए एस्क्रो खाते में ट्रांसफर करने के आदेश दिए। जेपी मॉर्गन का वह खाता ईडी ने हाल में कुर्क किया था। अदालत ने कहा है कि यह पैसा आम्रपाली की लंबित परियोजनाओं में लगाया जाएगा। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की दृष्टि से जांच कर रहे अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार है जब उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी प्राथमिक कुर्की आदेश से संतुष्ट होने के बाद इस तरह के धन को स्थानांतरित करने को कहा है।
187 करोड़ रुपए से अधिक कुर्क किया था
आमतौर पर, एक बार कुर्क हो गये धन को उन्हीं बैंक खातों में रखा जाता है, जहां वे होते हैं। कुर्की के आदेश को मंजूरी तथा बाद में संपत्ति की जब्ती के लिये धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अधिनिर्णय प्राधिकरण को भेजा जाता है। ईडी ने हाल ही में पीएमएलए के तहत जारी एक आदेश के तहत मुंबई में एक बैंक शाखा में रखे जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 187 करोड़ रुपए से अधिक के कोष को कुर्क किया था।
सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी कर रहा है
उच्चतम न्यायालय इस मामले की निगरानी कर रही है। उसने पिछले साल दिसंबर में ईडी को जांच का प्रभार देने का निर्देश दिया था और ईडी के लखनऊ जोन के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को जेपी मॉर्गन के खिलाफ धन शोधन कानून और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत कार्रवाई करने के लिये कहा था।