Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 May, 2019 03:54 PM
अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाली संस्था गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) को अपने उत्पादों की मात्रा और मूल्य अधिक मिलने की वजह से चालू वित्तवर्ष में अपना कारोबार 20 प्रतिशत बढ़कर लगभग
नई दिल्लीः अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाली संस्था गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) को अपने उत्पादों की मात्रा और मूल्य अधिक मिलने की वजह से चालू वित्तवर्ष में अपना कारोबार 20 प्रतिशत बढ़कर लगभग 40,000 करोड़ रुपए हो जाने की उम्मीद है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
जीसीएमएमएफ का कारोबार वर्ष 2018-19 के दौरान 13 प्रतिशत बढ़कर 33,150 करोड़ रुपए हो गया जो उसके पिछले वित्त वर्ष में 29,225 करोड़ रुपए था। अमूल के प्रबंध निदेशक आर. एस. सोढ़ी ने कहा, "पिछले वित्तवर्ष में अधिक मात्रा में बिक्री होने के कारण हमारे राजस्व में वृद्धि हुई थी जब हमारे उत्पादों की कीमतों में कोई मूल्यवृद्धि नहीं हुई थी लेकिन इस वर्ष हमें मात्रा और मूल्य दोनों स्तर पर वृद्धि होने की उम्मीद है।"
उन्होंने कहा कि कंपनी 2019-20 के दौरान कारोबार में 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रही है। सोढ़ी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में दूध खरीद की कीमतें पिछले कुछ महीनों में बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, "हम कई राज्यों में दूध खरीद की कीमतों में गिरावट आने पर भी अपने किसानों को अधिक कीमत दे रहे थे। इसलिए हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।" अमूल के सदस्य यूनियनों ने अगले दो वर्षों में दूध प्रसंस्करण क्षमता को 350 लाख लीटर प्रति दिन के स्तर से बढ़ाकर 380-400 लाख लीटर प्रति दिन करने की योजना बनाई है।