Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2017 09:21 AM
आर्थिक विशलेषकों को अगस्त में होने वाली मौद्रिक समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर में ...
नई दिल्लीः आर्थिक विशलेषकों को अगस्त में होने वाली मौद्रिक समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर में कटौती की मजबूत उम्मीद बंधी है। यह उम्मीद मई माह में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े पिछले एक दशक में 2.18 प्रतिशत तक गिर जाने के बाद बंधी है। भारतीय स्टेट बैंक की आर्थिक शोध शाखा ने कहा है कि रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली नीतिगत समीक्षा में दर में कटौती को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।
शोध विभाग ने एक नोट में कहा है, यदि मुद्रास्फीति लंबे समय तक अनुकूल बनी रहती है तो दर में कटौती की उम्मीद और मजबूत होगी। घरेलू ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्युरिटीज ने कहा है कि जून माह में खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा दो प्रतिशत से नीचे आ जाएगा। यह आंकड़ा मार्च 2018 तक 4 प्रतिशत पर रहेगा जो कि रिजर्व बैंक का मध्यम अवधि का लक्ष्य है। इसमें कहा गया है कि इस लिहाज से अगस्त में दर कटौती के लिए मंच तैयार है।
निजी क्षेत्र के बैंक आई.डी.एफ.सी. बैंक ने हालांकि कहा है कि मौद्रिक नीति समिति पर दबाव बढ़ रहा है फिर भी अगस्त माह की कटौती को शतप्रतिशत नहीं कहा जा सकता है। इसमें तुलनात्मक आधार प्रभाव की वापसी और 7वें वेतन आयोग के भत्तों के लागू होने का प्रभाव हो सकता है। इससे मुद्रास्फीति का आंकड़ा मार्च 2018 तक चार प्रतिशत से उपर जा सकता है।