चीन को एक और झटका, 5 सालों के लिए लगाई गई एंटी डंपिंग ड्यूटी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jul, 2020 05:23 PM

another shock to china anti dumping duty imposed for 5 years

चीनी आयात पर नकेल कसने के लिए भारत ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। चीन से आयात होने वाले कुछ मेजरिंग टेप और पार्ट्स एवं कम्पोनेंट पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी गई है। इससे देश में सस्ते चीनी माल की भरमार पर अंकुश लग सकेगा।

नई दिल्लीः चीनी आयात पर नकेल कसने के लिए भारत ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। चीन से आयात होने वाले कुछ मेजरिंग टेप और पार्ट्स एवं कम्पोनेंट पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी गई है। इससे देश में सस्ते चीनी माल की भरमार पर अंकुश लग सकेगा। भारत चीन सीमा तनाव के बाद देश की जनता सरकार से चीनी सामान के बहिष्कार की मांग कर रही थी।

चीन ने हमेशा से विश्व व्यापार संगठन और मुफ्त व्यापार एग्रीमेंट का फायदा उठाकर भारत को सस्ता और घटिया क्वालिटी का चीनी सामान डंप किया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) ने चीन से आयात होने वाले स्टील और फाइबर ग्लास मापने के टेप पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई है।

चीन कर रहा था डंपिंग 
डीजीटीआर वाणिज्य मंत्रालय का इन्वेस्टिगेशन विंग है। डीजीटीआर का कहना है कि चीन की ओर से लगातार इस सामान को भारतीय बाजारों में डंप किया जा रहा है। डंपिंग की वजह से कीमत काफी कम हो जाती है और ये सामान भारतीय बाजार में आसानी से पैठ बना लेता है। इसलिए स्थानीय मैन्यूफैक्चर्स को बचाने के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया गया है।

फाइबर ग्लास मापने के टेप पर ड्यूटी
डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि चीन से आयात होने वाले स्टील और फाइबर ग्लास के नाप लेने वाले टेप और उनके पार्ट और कंपोनेंट पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई जाएगी। कुछ कंपनियों पर यह ड्यूटी 137 रुपए प्रति किलोग्राम तो कुछ कंपनियों पर 192 रुपए प्रति किलोग्राम होगी।

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह ड्यूटी इंडियन करेंसी यानी रुपए में चुकानी होगी। यह ड्यूटी पहली बार 9 जुलाई 2015 को पांच सालों के लिए लगाई गई थी। अब उसी को अगले पांच साल के लिए फिर से बढ़ा दिया गया है। अगर चाहे तो इसे समय से पहले हटा भी सकती है।

बैटरी और एलसीडी की सबसे ज्यादा मांग
भारत में बने एसेसरीज में सारा कच्चा माल चीन से आता है। सबसे ज्यादा मांग बैटरी और एलसीडी की होती है और ये दोनों चीन से आती हैं। क्योंकि चीन की कंपनियां अच्छी फिनिशिंग देते हैं, इसलिए लोगों में वो काफी पसंद आती हैं। देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) त्योहारों को खास बनाने जा रहा है। कैट ने दावा किया कि आने वाले त्योहारों में चीनी सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार किया जाएगा और भारतीय बाजार में घरेलू उत्पाद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहेंगे।

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