Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Sep, 2018 04:17 PM
चीन से आयातित इस्पात की चुनिंदा किस्मों पर भारत 5 वर्ष के लिए 185.51 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है। घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया जा सकता है। जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड, सनफ्लैग आ
नई दिल्लीः चीन से आयातित इस्पात की चुनिंदा किस्मों पर भारत 5 वर्ष के लिए 185.51 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है। घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया जा सकता है। जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड, सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी, ऊषा मार्टिन, गेरदाऊ स्टील इंडिया, वर्धमान स्पेशल स्टील्स और जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने संयुक्त रूप से चीन से आयातित इस्पात के खिलाफ जांच शुरू करने और डंपिंग रोधी शुल्क लगाने के लिये आवेदन किया था।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) ने डंपिंग-रोधी जांच में कहा कि जांच की अवधि 2016-17 के दौरान चीन से 'मिश्रधातु इस्पात की सीधी लंबी सरिया और छड़ों' का डंपिंग आयात बढ़ा है। इसमें कहा गया है कि डंपिंग आयात से घरेलू उद्योगों को इस्पात की कीमतों में कटौती करनी पड़ी और इसके कारण 2016-17 में घरेलू इस्पात उद्योग के मुनाफे, नकद लाभ और पूंजी पर रिटर्न में गिरावट आई।
डीजीटीआर ने अपनी अधिसूचना में कहा कि प्राधिकरण चीन से आयात पर पांच वर्ष के लिये डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। उसने 44.89 डॉलर प्रति टन से 185.51 डॉलर प्रति टन के बीच शुल्क लगाने का सुझाव दिया है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय करेगा।
चीन से मिश्र इस्पात (एलॉय स्टील) की सीधी लंबी सरिया और छड़ का आयात 2016-17 में बढ़कर 1,80,959 टन हो गया, जो 2013-14 में 56,690 टन था। इसी अवधि में देश का कुल आयात 1,32,933 टन से बढ़कर 2,56,004 टन हो गया।