Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jun, 2017 02:08 PM
खेल के सामानों और व्यायाम के उपकरणों पर क्रमश: 12 फीसदी और 28 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने से इस उद्योग के कारोबार में एक चौथाई
नई दिल्लीः खेल के सामानों और व्यायाम के उपकरणों पर क्रमश: 12 फीसदी और 28 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने से इस उद्योग के कारोबार में एक चौथाई फीसदी की कमी आने का अनुमान जताते हुए ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ स्पोर्टिंग गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज इक्विपमेंट (टी.ए.एस.जी.पी.आई.आई.) ने व्यायाम उपकरणों के लिए इस दर पर पुनर्विचार की अपील की है। खेल और व्यायाम उपकरणों के देश भर के निर्माताओं और व्यापारियों की प्रमुख संस्थाए टीएएसजीपीआईआई ने कहा है कि दुनिया भर में चल रहे कराधान के अनुसार स्पोट्र्स गुड्स और व्यायाम के उपकरणों पर जीएसटी कर की दर समान होनी चाहिए।
इसलिए, संगठन ने खेल के सामानों और व्यायाम के उपकरणों पर जीएसटी दर 12 फीसदी रखने की मांग करते हुये आज कहा कि जीएसटी परिषद ने व्यायाम और फिटनेस के उपकरणों को लग्जरी वस्तुओं की श्रेणी में रखकर इन पर 28 फीसदी कर लगाया है। उसने कहा कि इससे यह उद्योग प्रभावित होगा और इसके कारोबार में करीब 25 फीसदी तक की कमी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। अधिक कर होने से ये उपकरण आम आदमी की पहुंच से दूर हो जायेंंगे और 500 करोड़ रुपये का यह उद्योग नुकसान में आ जायेगा। अभी इसमें वार्षिक 16 से 18 प्रतिशत की बढोतरी हो रही है, लेकिन जीएसटी के बाद इसमें एकल अंक में बढोतरी होने का अनुमान लगाया गया है।