Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 01:44 PM
एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वॉजनिएक ने एक इंटरव्यू में भारतीय लोगों के बारे में टिप्पणी की थी कि भारत में पढ़ाई, जॉब करना और मर्सिडीज खरीद लेना ही सफलता है, लेकिन क्रिएटिविटी कहां है? उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें कोई उम्मीद नहीं है
नई दिल्लीः एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वॉजनिएक ने एक इंटरव्यू में भारतीय लोगों के बारे में टिप्पणी की थी कि भारत में पढ़ाई, जॉब करना और मर्सिडीज खरीद लेना ही सफलता है, लेकिन क्रिएटिविटी कहां है? उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें कोई उम्मीद नहीं है कि भारत से कभी भी गूगल और एप्पल जैसी कंपनियां आ सकती हैं।
वॉजनिएक की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। ट्विटर और फेसबुक पर ज्यादातर कॉमेंट्स में लोगों ने स्टीव वॉजनिएक की राय से सहमती जताई है। कई लोगों ने उनकी आलोचना करते हुए कहा है कि दुनिया की टॉप कंपनियों के हेड भारतीय ही हैं।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ आनंद महिंद्रा ने वॉजनिएक के इस टिप्पणी के बाद लिखा है, ‘इस तरह की बात सुनना काफी मजेदार है। इस तरह की रूढ़ीवादी सोच को खत्म करके अपने को जाहिर करने में मजा आता है। शुक्रिया स्टीव वॉजनिएक, जल्द वापस आइए। हम आपसे एक अलग धुन बजवाएंगे।’
एक इंटरव्यू में वॉजनिएक ने कहा है, ‘आप कितने टैलेंटेड हैं? अगर आप इंजीनियर हैं या एमबीए हैं तो आप अपनी डिग्री पर इठलाइए लेकिन खुद से पूछिए कि आप कितने क्रिएटिव हैं। वॉजनिएक के मुताबित भारत में उदाहरण के तौर पर एक बड़ी टेक कंपनी इंफोसिस है और वो भी इनोवेटिव नहीं है।