Edited By Supreet Kaur,Updated: 24 May, 2018 04:27 PM
सरकार द्वारा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी से गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से संबंधित कई बड़े मामलों के निपटान में तेजी आएगी। उद्योग मंडल फिक्की ने आज यह राय जाहिर की।
नई दिल्लीः सरकार द्वारा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी से गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से संबंधित कई बड़े मामलों के निपटान में तेजी आएगी। उद्योग मंडल फिक्की ने आज यह राय जाहिर की।
फिक्की के अध्यक्ष राशेष शाह ने कहा, ‘‘एमएसएमई प्रवर्तकों को आईबीसी निपटान प्रक्रिया के तहत अपनी कंपनियों के लिए बोली लगाने की अनुमति से कई मामलों के निपटान में तेजी आएगी।’’ उन्होंने कहा कि सही प्रवर्तकों के लिए निपटान प्रक्रिया में भाग लेने के नियमों को उदार करने से सरकार और रिजर्व बैंक के दबाव वाली संपत्तियों के निपटान के प्रयासों को बल मिलेगा।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधनों को मंजूरी दी थी। इसमें सरकार द्वारा नियुक्त समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों को शामिल किया गया है। 14 सदस्यीय दिवाला विधि समिति ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को सुझाव दिए हैं। इनमें घर के खरीदारों की परेशानियों को दूर करने और वसूली की प्रक्रिया को आसान करने संबंधी सुझाव हैं। हालांकि, विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, ‘‘इसके बारे में मैं कुछ खुलासा नहीं कर सकता क्योंकि यह नया कानून है। मैं सिर्फ यह कह सकता है कि मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है।’’