Edited By Pardeep,Updated: 12 Oct, 2018 12:18 AM
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरूवार को कहा कि नई औद्योगिक नीति तैयार है और इसे जल्दी ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलेगी। इस नीति का मकसद विनिर्माण को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना तथा रोजगार सृजित करना है। उन्होंने कहा कि नीति...
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरूवार को कहा कि नई औद्योगिक नीति तैयार है और इसे जल्दी ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलेगी। इस नीति का मकसद विनिर्माण को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना तथा रोजगार सृजित करना है। उन्होंने कहा कि नीति चौथी औद्योगिकी क्रांति से उत्पन्न चुनौतियों और अवसरों के हिसाब से बनाई गई है।
प्रभु ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘नई औद्योगिक नीति तैयार है। इसे प्रधानमंत्री को मंजूरी देनी है।’’ विनिर्माण क्षेत्र में प्रौद्योगिकी में बदलाव के साथ दुनिया अब चौथी औद्योगिक क्रांति की बात कर रही है। इसमें कृत्रिम मेधा, रोबोटिक्स, इंटरनेट आफ थिंग्स, ब्लाकचैन तथा ‘मशीन लर्निंग’ शामिल हैं।
भारत विनिर्माण क्षेत्र को गति देने तथा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये इन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने की तैयारी में है। प्रस्तावित नीति नियामकीय बाधाओं को दूर करने के साथ नई प्रौद्योगिकी अपनाने को प्रोत्साहित करने के उपायों पर गौर करेगी। नई नीति 1991 की औद्योगिक नीति का स्थान लेगी।