Edited By jyoti,Updated: 30 Mar, 2018 04:26 PM
एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है। एेसे में कई नियमों में बदलाव किया जाएगा। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) में भी नए नियम लागू होंगे। एस.बी.आई. के देशभर में मौजूद करीब 25 करोड़ ग्राहकों को सीधा फायदा होगा।
नई दिल्ली: एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है। एेसे में कई नियमों में बदलाव किया जाएगा। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) में भी नए नियम लागू होंगे। एस.बी.आई. के देशभर में मौजूद करीब 25 करोड़ ग्राहकों को सीधा फायदा होगा। गत दिनों बैंक ने अकाउंट बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर पेनल्टी में भारी कटौती की थी जो एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। बैंक ने सेविंग अकाउंट 75 फीसदी तक की कमी की थी। इसके बाद किसी भी कस्टमर को 15 रुपए से ज्यादा पेनल्टी नहीं देनी होगी।
किसे कितनी राहत?
मेट्रो और शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर चार्ज 50 रुपए से घटाकर 15 रुपए कर दिया गया है। छोटे शहरों में चार्ज को 40 रुपए से घटाकर 12 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर अब 40 रुपए के बदले 10 रुपए ही चार्ज लगेगा। इन चार्ज में जी.एस.टी. अलग से लगेगा।
मेट्रो और शहरी ब्रांच में (मासिक औसत बैंलेंस 3000 रु) |
नई पेनल्टी |
मौजूदा पेनल्टी |
50% तक बैलेंस कम होने पर |
10 रु |
30 रु |
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर |
12 रु |
40 रु |
75% से ज्यादा बैलेंस कम होने पर |
15 रु |
50 रु |
अर्द्ध शहरी ब्रांच में (मासिक औसत बैंलेंस 2000 रु) |
|
|
50% तक बैलेंस कम होने पर |
7.50 रु |
20 रु |
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर |
10 रु |
30 रु |
75% से ज्यादा बैलेंस कम होने पर |
12 रु |
40 रु |
ग्रामीण ब्रांच में (मासिक औसत बैंलेंस 1000 रु) |
|
|
50% तक बैलेंस कम होने पर |
5 रु |
20 रु |
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर |
7.5 रु |
30 रु |
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर |
10 रु |
40 रु |
बचत खाते में कितनी रकम रखना जरूरी?
अगर आपका बचत खाता महानगर के किसी शाखा में है तो आपको 3,000 रुपए का ऐवरेज बैलेंस मेंटेन करना होगा, जो सितंबर 2017 से पहले 5,000 रुपए था। अभी शहरी इलाके की शाखाओं वाले बचत खातों में भी 3,000 रुपए का ऐवरेज बैलेंस रखना होगा जबकि कस्बाई या ग्रामीण इलाके के खातों के लिए यह रकम क्रमशः 2,000 रुपए और 1,000 रुपए तय है।
क्यों उठाया यह कदम?
बैंक के रिटेल और डिजिटल बैंकिंग के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि हमारे ग्राहकों की भावना और उनके फीडबैक को लेने के बाद हमने ये कदम उठाया है। उनके मुताबिक बैंक अपने ग्राहकों के हितों का ध्यान पहले रखता है।