आर्सेलर मित्तल ने कहा- न्यूमेटल-रुइया में सांठगाठ, NCLAT असहमत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jul, 2018 11:39 AM

arcelormittal seeks disqualification of numetal bid for essar steel

एस्सार स्टील के अधिग्रहण को सीधी लड़ाई लड़ रही आर्सेलरमित्तल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से रूस की वीटीबी कैपिटल के समर्थन वाली न्यूमेटल लि. की बोली को अपात्र घोषित किए जाने की मांग की।

बिजनेस डेस्कः एस्सार स्टील के अधिग्रहण को सीधी लड़ाई लड़ रही आर्सेलरमित्तल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से रूस की वीटीबी कैपिटल के समर्थन वाली न्यूमेटल लि. की बोली को अपात्र घोषित किए जाने की मांग की। आर्सेलरमित्तल ने आरोप लगाया कि न्यूमेटल इस बारे में एस्सार समूह के प्रवर्तकों के साथ सांठगाठ कर काम कर रही है जिन्होंने कर्ज नहीं चुकाया है। हालांकि, मामले की सुनवाई कर रही एनसीएलएटी उसके तर्क से सहमत नहीं है।

कर्ज चुकाने में विफल रहने वाली एस्सार स्टील के लिए दिवाला कानून के तहत फरवरी में जब पहली बार बोलियां मांगी गई थीं, तो रेवंत रुइया के पास मारीशस की निवेश इकाई न्यूमेटल में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। तब वीटीबी समूह ने आरोरा ट्रस्ट की खरीदकर उसकी अयोग्यता को समाप्त करने का प्रयास किया था। दिवाला एवं शोधन अक्षमता नियमों के तहत दबाव वाली संपत्तियों के मालिक दिवाला प्रक्रिया के तहत संपत्तियों के लिए बोली नहीं लगा सकते।

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान आर्सेलरमित्तल की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यूमेटल और रेवंत रुइया दोनों एक ही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एनसीएलएटी की पीठ ने कई सवाल पूछे और इस बात पर भी विचार किया कि क्या एक कंपनी अपने शेयरधारक के साथ साठगांठ कर सकती है, वो भी उस स्थिति में जब अल्पांश शेयरधारक के पास न तो कंपनी का प्रबंधन हो और न ही कंपनी (न्यूमेटल) पर उसका नियंत्रण हो।

पीठ के अनुसार, न्यूमेटल को इस आधार पर अपात्र घोषित किया जाना कि उसके अल्पांश शेयरधारक एस्सार के प्रवर्तकों से जुड़े हैं, इसे कानून के तहत प्रमाणित करने की जरूरत है। एनसीएलएटी न्यूमेटल और आर्सेलरमित्तल की एक दूसरे के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। दोनों ने ही एस्सार स्टील के लिए बोली में एक - दूसरे के अयोग्य होने का आरोप लगाया है। एस्सार स्टील पर पर बैंकों का 51,800 करोड़ रुपए का कर्ज चूक का मामला है। न्यूमेटल चाहती है कि आर्सेलरमित्तल को अपात्र घोषित किया जाए क्योंकि वह कर्ज चूक करने वाली कंपनियों उत्तम गाल्वा स्टील और केकेएस पेट्रॉन की प्रवर्तक है। दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी ने कहा कि उसने उत्तम गाल्वा का 7,000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया है जिससे उसकी अयोग्यता को खत्म किया जा सके। एनसीएलएटी के समक्ष बहस पूरी नहीं हो सकी। नौ जुलाई को इस मामले में सुनवाई फिर शुरू होगी।       

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