गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 2% करने की मांग

Edited By ,Updated: 12 Jan, 2015 02:49 PM

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जूलरी इंडस्ट्री ने सरकार से गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी मौजूदा 10 फीसदी से घटाकर 2 पर्सेंट करने की मांग की है। इंडस्ट्री का कहना है कि 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी होने से गोल्ड की स्मगलिंग हो रही है।

मुंबईः जूलरी इंडस्ट्री ने सरकार से गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी मौजूदा 10 फीसदी से घटाकर 2 पर्सेंट करने की मांग की है। इंडस्ट्री का कहना है कि 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी होने से गोल्ड की स्मगलिंग हो रही है। ऑल इंडिया जेम ऐंड जूलरी फेडरेशन ने सरकार से यह भी कहा है कि वह जूलरी इम्पोर्ट पर ड्यूटी लगाए रखे ताकि डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले सके।
 
असोसिएशन के चेयरमैन हरेश सोनी ने कहा, 'हमने कॉमर्स सेक्रटरी से मुलाकात करके जूलरी सेक्टर और गोल्ड इंपोर्ट पर बातचीत की।' उन्होंने कहा, 'हमने सरकार को सुझाव दिया है कि गोल्ड स्मगलिंग पर काबू पाने के लिए वह कस्टम ड्यूटी को अभी के 10 पर्सेंट से घटाकर 2 पर्सेंट करना चाहिए। गोल्ड स्मगलिंग से सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है।
 
वहीं करंट अकाउंट डेफिसिट कम होने के चलते सरकार के पास इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की गुंजाइश है।' प्राइम मिनिस्टर के मिशन 'मेक इन इंडिया' को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलना चाहिए। ट्रेड बॉडी जूलरी पार्क्स बनाने की भी मांग कर रहे हैं, जहां कारीगरों को बेहतरीन टेक्नॉलजी मिलेगी। फेडरेशन ने कम गोल्ड से बने फैशन जूलरी को भी बढ़ावा देने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, 'कम गोल्ड की मिक्सिंग के साथ बने फैशन जूलरी से गोल्ड की खपत कम होगी। साथ ही कस्टमर्स को ट्रेंडी डिजाइनर गहने मिलेंगे।'
 
जेम्स ऐंड जूलरी सेक्टर में करीब 35 लाख लोग काम करते हैं। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने बुधवार को जेम्स ऐंड जूलरी कंपनियों के साथ मीटिंग की थी। इसमें गोल्ड इंपोर्ट से जुड़े मसलों पर चर्चा हुई थी। सरकार ने हाल ही में गोल्ड इंपोर्ट की 80:20 स्कीम हटाई है। इसमें इंपोर्ट गोल्ड में से 20 पर्सेंट का एक्सपोर्ट करना जरूरी था। नवंबर में गोल्ड इंपोर्ट छह गुना बढ़कर 5.61 अरब डॉलर (करीब 35,000 करोड़ रुपए) का हो गया था।
 
गोल्ड इंपोर्ट ज्यादा होने से करंट अकाउंट डेफिसिट जुलाई-सितंबर में 10.1 अरब डॉलर पहुंच गया था। यह कुल जीडीपी का 2.1 पर्सेंट है। गोल्ड इम्पोर्ट ही ट्रेड डेफिसिट की सबसे बड़ी वजह है, जिससे करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ रहा है। खासतौर पर पैट्रोलियम और गोल्ड इम्पोर्ट की वजह से 2012-13 में यह जी.डी.पी.  के 4.8 पर्सेंट तक पहुंच था। अप्रैल-जून क्वॉर्टर में यह घटकर जी.डी.पी. का 1.7 पर्सेंट रह गया था। गोल्ड इम्पोर्ट घटने से सरकार को करंट अकाउंट डेफिसिट को काबू में करने में मदद मिली थी।
 

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