Edited By ,Updated: 26 Jan, 2015 04:01 PM
मुद्रास्फीति को कम करने में मदद के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की की भूमिका की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि वह नीतिगत दरों में अभी और कटौती कर सकता हैै।
दावोस: मुद्रास्फीति को कम करने में मदद के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की की भूमिका की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि वह नीतिगत दरों में अभी और कटौती कर सकता हैै। उनकी राय मूल्यों में गिरावट से आरबीआई के पास मौद्रिक नीति ढीली करने की गुंजाइश बनी है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में हिस्सा लेने पिछले दिनों यहां आए सुब्रमणियन ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि आरबीआई का जिमा है मुद्रास्फीति में नरमी लाना तथा इसको नीचे बनाए रखना। अब जबकि मुद्रास्फीति में गिरावट से मौद्रिक नीति में ढील की गुंजाइश बनी है, आरबीआई ने इसकी शुरूआत कर दी है।’’ गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने लंबे अंतराल के बाद अचानक बीच में 15 जनवरी को अपनी अल्पकालिक दर रेपो में 0.25 प्रतिशत कम कर दी।
सुब्रमणियन ने पीटीआई-भाषा से कहा ‘‘आरबीआई के अपने बयान के मुतािबक यह सिर्फ दर में बदलाव नहीं है बल्कि नीतिगत रख में बदलाव है। यदि मुद्रास्फीति कम बनी रही तो नीतिगत दर और कम की जा सकती है।’’ विश्व आर्थिक मंच के मौके पर आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर, कोटक समूह के उदय कोटक समेत कई उद्योगपतियों ने भी कहा कि आरबीआई नीतिगत दरों में नरमी पर विचार कर सकता है क्योंकि मुद्रास्फीति नियंत्रण में नजर आ रही है।