Edited By ,Updated: 19 Feb, 2015 12:27 PM
प्रधानमंत्री जन धन योजना के गरीब खाताधारकों को पांच हजार रुपए का ओवरड्राफ्ट लेने के लिए अपने खाते में कम से कम 1,250 रुपए का औसत मासिक बैलेंस रखना होगा।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री जन धन योजना के गरीब खाताधारकों को पांच हजार रुपए का ओवरड्राफ्ट लेने के लिए अपने खाते में कम से कम 1,250 रुपए का औसत मासिक बैलेंस रखना होगा। साथ ही ओवरड्राफ्ट की सुविधा तभी मिलेगी, जब वह खाता संतोषजनक आधार पर 6 महीने चलाया गया होगा।
उक्त खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत नियमित आधार पर नकदी जमा होना भी ओवरड्राफ्ट पाने के लिए शर्त रखी गई है। सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन खाते के तहत 5 हजार रुपए का ओवरड्राफ्ट कर्ज के तौर पर देने की घोषणा की थी। इस ओवरड्राफ्ट को पाने के दिशानिर्देश अब सरकार ने जारी कर दिए हैं।
बैंकों को भेजे गए इन दिशानिर्देशों के तहत छह महीने तक खाते का संतोषजनक संचालन अनिवार्य होगा। साथ ही कर्ज या ओवरड्राफ्ट की राशि खाताधारक के औसत मासिक बैलेंस के चार गुना, बीते छह महीने में खाते में जमा की गई कुल राशि का 50 फीसद या पांच हजार रुपए (जो कम भी हो) निर्धारित की गई है।
सूत्रों के मुताबिक ओवरड्राफ्ट के लिए औसत मासिक बैलेंस की गणना पूरे महीने के दैनिक बैलेंस को जोड़कर उसे 30 से भाग देकर के की जाएगी। इसके बाद जो राशि आएगी उसका चार गुना कर्ज दिया जा सकेगा। ओवरड्राफ्ट पाने के लिए खाताधारक के खाते का आधार संख्या से भी जुड़ा होना आवश्यक बनाया गया है। साथ ही नियमित तौर पर खाते में डीबीटी स्कीम के तहत राशि जमा होनी भी जरूरी है।
सरकार ने इस ओवरड्राफ्ट या कर्ज की राशि पर ब्याज की दर भी तय कर दी है। ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेने वाले खाताधारकों को कम से कम 12 फीसद ब्याज देना होगा। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ओवरड्रॉफ्ट राशि पर बैंक के बेस रेट (कर्ज की न्यूनतम आधार दर) से अधिकतम दो फीसद ज्यादा ब्याज वसूला जा सकता है। फिलहाल, अधिकांश बैंकों का बेस रेट 10 फीसद के आसपास है।
दिशानिर्देशों के मुताबिक जन धन खाता रखने वाले गरीब परिवारों में कर्ज कमाने वाले सदस्य के नाम पर दिया जाएगा। साथ ही ओवरड्राफ्ट या कर्ज केवल 3 साल की अवधि के लिए मिलेगा। यानी तीन साल के भीतर खाताधारक को ब्याज के साथ यह राशि बैंक को वापस करनी होगी।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अब तक देश भर में साढे बारह करोड़ से ज्यादा खाते खुल चुके है। इनमें से 11.07 करोड़ खातों में रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जा चुका है। कुल खातों में 8.84 करोड़ अकाउंट जारी बैलेंस वाले है।