अप्रैल-जून के बीच होगी नौकरियों की बारिश!

Edited By ,Updated: 10 Mar, 2015 12:11 PM

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बिजनेस सेंटिमेंट बेहतर रहने से नए फिस्कल इयर के पहले क्वॉर्टर यानी अप्रैल से जून के बीच अच्छी-खासी हायरिंग हो सकती है।

मुंबई: बिजनेस सेंटिमेंट बेहतर रहने से नए फिस्कल इयर के पहले क्वॉर्टर यानी अप्रैल से जून के बीच अच्छी-खासी हायरिंग हो सकती है। इसमें इकनॉमिक रिवाइवल और ई कॉमर्स जैसे न्यू एज सैक्टर में तेजी का अहम रोल होगा। यह बात एचआर कंसल्टिंग फर्म मैनपावर ग्रुप की तरफ से 5003 इंडियन एम्पलॉयर्स पर हुए क्वॉर्टरली एंप्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे से सामने आई है।

मैनपावरग्रुप इंडिया के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर ए जी राव ने कहा, ''बजट 2015 से इंडिया में फॉरन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा मेक इन इंडिया से ग्लोबल कंपनियों को इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज बनाने के लिए बढ़ावा मिलेगा।'' सर्वे में जिन 7 सैक्टर को शामिल किया गया है उन सबमें हायरिंग को लेकर कंपनी की सोच पॉजिटिव थी। इसमें ट्रांसपॉर्टेशन और यूटिलिटीज, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन, फाइनैंशल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सबसे पॉजिटिव रहे हैं।

सीजनल बदलाव के हिसाब से डेटा अजस्ट करने के बाद एंप्लॉयर्स का आउटलुक 38 फीसदी पॉजिटिव नजर आया। ट्रांसपॉर्टेशन और यूटिलिटीज सैक्टर के अलावा माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सैक्टर में 46 फीसदी और 44 फीसदी एंप्लॉयमेंट ग्रोथ की उम्मीद नजर आई। रीजन के नजरिए से नॉर्दर्न और वेस्टर्न रीजन के एंप्लॉयर्स का मानना है कि जॉब ढूंढने वालों को इस साल बेहतर ऑप्शन मिलेंगे। अगले क्वॉर्टर में नॉर्दर्न में 51 फीसदी और वेस्टर्न रीजन में 42 फीसदी ज्यादा रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।

राव कहते हैं, ''इकनॉमिक रिवाइवल के शुरूआती संकेत और जॉब मार्कीट में तेजी महसूस की जा रही है। दिग्गज इंडियन फाइनैंशल सर्विसेज ने बड़े लेवल पर हायरिंग शुरू कर दी है। उनको उस पॉजिटिव बिजनस सेंटिमेंट से बढ़ावा मिला है जिसने बिजनेस के उभरते मौकों का फायदा उठाने के लिए डायवर्स टैलेंट की जरूरत को महसूस कराया है। सरकार की ठोस पॉलिसी और पहल, स्टार्टअप वेंचर्स की बढ़ती संख्या और इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर इंडिया का उभार ग्रोथ का हरकारा साबित हो सकता है।''

सर्वे में शामिल किए गए सभी 7 इंडस्ट्री सेक्टर के एंप्लॉयर्स को लगता है कि दूसरे क्वॉर्टर में भर्तियों में बढ़ौतरी हो सकती है। होलसेल और रिटेल ट्रेड सैक्टर में भर्तियां 41 फीसदी ज्यादा हो सकती हैं। इनके मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग में 40 फीसदी, फाइनैंस, इंश्योरेंस और रियल एस्टेट में 39 फीसदी और पब्लिक ऐडिमिनिस्ट्रेशन और एजुकेशन में 37 फीसदी हायरिंग बढ़ सकती है।

7 में से 4 इंडस्ट्री के आउटलुक साल दर साल आधार पर घटा है। सबसे ज्यादा 11 फीसदी की कमी 4 इंडस्ट्री सैक्टर में आई है। 2015 के पहले क्वॉर्टर में हायरिंग की उम्मीद 7 में से 5 में घटी थी। होलसेल और रिटेल ट्रेड एंप्लॉयर्स ने हायरिंग उम्मीद में 12 पर्सेंटेज अंक कम रही है। इनके मुकाबले सर्विस सैक्टर में आउटलुक 11 फीसदी और फाइनेंस, इंश्योरेंस और रियल एस्टेट सेक्टर में 9 पर्सेंटेज अंक की गिरावट आई। इस बीच माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सैक्टर के एंप्लॉयर्स के हायरिंग अनुमान में 4 पर्सेंटेज पॉइंट्स का सुधार आया है।
 

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