Edited By ,Updated: 14 Mar, 2015 10:33 AM
दि कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक और जोगिंद्रा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) पर रोक लग गई है।
हमीरपुर: दि कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक और जोगिंद्रा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) पर रोक लग गई है। सरकार के फैसले के बाद रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी हिमाचल प्रदेश जैसी चौहान (आईएएस) ने इस संबंध में दोनों बैंक के प्रबंध निदेशक को पत्र जारी कर दिए हैं।
डीए पर प्रतिबंध का कारण प्रदेश के अन्य सभी सरकारी विभागों में अनुबंध पालिसी को आधार बताया गया है। सरकार का ऑब्जेक्शन है कि जब सरकारी विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा है तो बैंकों में किस आधार पर दिया जा रहा है।
प्रदेश में सिर्फ रेगुलर कर्मचारियों को ही डीए मिल रहा है। केसीसी बैंक में 110 अनुबंध कर्मचारियों को पिछले ढाई वर्षों से 107 फीसदी और जोगिंद्रा बैंक में 60 कर्मचारियों को 90 फीसदी डीए दिया जा रहा है। केसीसीबी धर्मशाला के प्रबंध निदेशक राखिल काहलो का कहना है कि रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी हिमाचल प्रदेश से डीए को रोकने के बारे में लिखित आदेश मिले हैं। बैंक प्रबंधन शीघ्र ही बीओडी की बैठक में इस पर चर्चा कर कोई हल निकालेगा।
वहीं सोल के जोगेंद्रा को ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक एसडी नेगी ने बताया कि रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी से चिट्ठी मिलने के बाद हमने उच्चाधिकारियों से इस बारे बात की थी कि पिछले दो तीन सालों से डीए दिया जा रहा है। सरकार की मंजूरी के बाद ही डीए दिया गया लेकिन अब रोक लगाने के आदेश हैं।