Edited By ,Updated: 28 Mar, 2015 10:49 AM
इंटरनैट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग के नियम तय करने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई ने सभी पक्षों से विचार मांगे हैं।
नई दिल्लीः इंटरनैट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग के नियम तय करने के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई ने सभी पक्षों से विचार मांगे हैं। अभी स्काइप, वाइबर, व्हाट्सएप्प और गूगल टॉक ऐसी सेवाएं उपलब्ध कराती हैं। इस प्रकार की सेवा देने वाली कंपनियां ओवर द टॉप (OTT) कहलाती हैं। टैलीकॉम कंपनियां इनका सख्त विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि इन सेवाओं से उनकी कमाई प्रभावित हो रही है।
ओ.टी.टी. सेवाओं को नियमित करने के लिए दुनियाभर में विचार-विमर्श चल रहा है। अभी उपभोक्ता इंटरनैट कनैक्शन और एप्प के जरिए इन सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। उन्हें कॉल या मैसेज के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता। सिर्फ इंटरनैट का चार्ज देना होता है।
पिछले दिनों एयरटेल ने इंटरनैट आधारित सेवाओं के लिए अलग शुल्क की घोषणा की थी लेकिन इसका तीखा विरोध होने पर उसने इसे वापिस ले लिया। ट्राई चेयरमैन राहुल खुल्लर ने तभी नियामक की बात कही थी।