Edited By ,Updated: 13 Apr, 2015 12:39 PM
दुनियाभर में लोकप्रिय एप्प व्हॉट्सएप्प ने फ्री कॉलिंग के जिस फीचर को लांच किया है, उससे भारत की टैलीकॉम कंपनियों की कमाई में सेंध लगने का खतरा बढ़ गया है।
नई दिल्लीः दुनियाभर में लोकप्रिय एप्प व्हॉट्सएप्प ने फ्री कॉलिंग के जिस फीचर को लांच किया है, उससे भारत की टैलीकॉम कंपनियों की कमाई में सेंध लगने का खतरा बढ़ गया है। डोमेस्टिक लेवल पर टैलीकॉम कंपनियों को लंबी दूरी की एस.टी.डी. कॉल्स से इसकी कुल कमाई का 5वां हिस्सा प्राप्त होता था लेकिन व्हॉट्सएप्प के इस फीचर के लांच होने के बाद ऐसे अनुमान व्यक्त किए जा रहे हैं कि एस.टी.डी. से होने वाली टैलीकॉम कंपनियों की कमाई बंद हो जाएगी।
इससे पहले भी वाइबर और स्काइप जैसी ओटीटी मैसेजिंग सर्विसेज फ्री कॉलिंग सर्विसेज प्रदान कर रही थीं लेकिन यह सर्विस सिर्फ इंटरनैशनल कॉलिंग तक ही मुख्य रूप से सीमित थी। वैसे भी इंटरनैशनल कॉलिंग से भारतीय टैलीकॉम कंपनियों को कोई खास कमाई नहीं होती है, इसलिए वाइबर या स्काइप के फ्री कॉलिंग फीचर से इनको कोई खतरा नहीं था। मोबाइल ऑपरेटरों को इंटरनैशनल कॉलिंग से 10 फीसदी से भी कम कमाई होती है और 18-20 फीसदी कमाई डोमेस्टिक लेवल पर लंबी दूरी की कॉल्स यानी एस.टी.डी. कॉल्स से होती है।
फ्री मैसेजिंग एप्प के आने से पहले ही टैलीकॉम कंपनियों को झटका लगा था क्योंकि एस.एम.एस. से होने वाली उनकी कमाई लगभग बंद हो गई थी। उसके बाद अब फ्री कॉलिंग सर्विस ने उन पर और प्रहार किया है। इस कारण ही टैलीकॉम कंपनियां ओटीटी ऑपरेशंस को रेग्युलेशन के दायरे में लाने की मांग कर रही हैं।
अपने बचाव में ओटीटी सर्विसेज प्रदान करने वालों का कहना है कि अगर टैलीकॉम कंपनियों की वॉइस कॉल से कमाई कम हुई है तो वे व्हॉट्सएप्प और वाइबर जैसी सर्विसेज के माध्यम से डेटा बेचकर कमाई तो कर ही रही हैं। कुछ हद तक ओटीटी ऑपरेटर्स की बात तो सही है लेकिन सच तो यह है कि इससे टैलीकॉम कंपनियों की वाकई में कमाई प्रभावित हो रही है।