Edited By ,Updated: 21 Apr, 2015 12:19 PM
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि लोग सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दायित्व के साथ सर्विस डिलिवरी में तेजी चाहते हैं और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए सरकारी विभागों को सूचना एवं संचार टैक्नोलॉजी
नई दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि लोग सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दायित्व के साथ सर्विस डिलिवरी में तेजी चाहते हैं और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए सरकारी विभागों को सूचना एवं संचार टैक्नोलॉजी के जरिए आधुनिक प्रणाली से लैस करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसी प्रणाली नागरिक सेवा, सुरक्षित, सक्षम, किफायती और पारदर्शी होनी चाहिए। कर सूचना नैटवर्क, ओएलटीएएस और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली देश व्यापी प्रणाली के बेहतरीन उदाहरण हैं। राष्ट्रपति ने भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय सिविल अकाउंट सेवा, भारतीय रेल अकाउंट सेवा तथा भारतीय पीएंडटी वित्त एवं लेखा सेवा के प्रोबेशनरों को यहां संबोधित करते हुए ये बात कही।
उन्होंने कहा कि सुशासन की कुंजी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) है। उन्होंने प्रोबेशनरों से कहा कि उन पर मजबूत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली बनाने और उसे जारी रखने की जिम्मेदारी है।
आज विश्व के लगभग सभी देश एकीकृत वित्तीय सूचना प्रणाली (आईएफएमआईएस) की ओर बढऩे तथा अकाउंटिंग, ऑडेटिंग तथा बजटिंग में मानक कायम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भारत सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है। देश में बढते सार्वजनिक खर्चों को देखते हुए इन खर्चों की निगरानी के लिए ठोस प्रणाली की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनरों से आग्रह किया कि वे अपने देश भ्रमण के दौरान सीखी बातों को संजो कर रखें और भारतीय संदर्भ में उचित समय पर उनका उपयोग करें।